मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के विस्तारवादी और अतिक्रमणकारी रवैये के खिलाफ एलएस कॉलेज के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी दिन भी जारी रहा. धरने के बीच में ही शिक्षकों ने सीनेट और सिंडिकेट के सदस्यों के साथ बैठक की. इसमें लोगों ने कहा कि विवि छह माह के लिए 27 लाख रुपये डिस्टेंस […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के विस्तारवादी और अतिक्रमणकारी रवैये के खिलाफ एलएस कॉलेज के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी दिन भी जारी रहा. धरने के बीच में ही शिक्षकों ने सीनेट और सिंडिकेट के सदस्यों के साथ बैठक की. इसमें लोगों ने कहा कि विवि छह माह के लिए 27 लाख रुपये डिस्टेंस के नाम पर खर्च कर रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या वह छह महीने बाद उसे वहां से कैसे हटा लेगा? इतने रुपये खर्च करने के बाद यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि विवि वहां से डिस्टेंस को हटा लेगा. स्टाफ काउंसिल के सिक्रेटरी प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि विवि अस्थाई तौर पर डिस्टेंस चलाने की बात कह रहा है.
साथ ही विवि यह भी कह रहा है कि डिस्टेंस के नाम पर 27 लाख रुपये खर्च कर दिए गए है. अब ऐसे में सवाल यह है कि महज छह माह के लिए विवि डिस्टेंस के नाम पर 27 लाख खर्च करने के बाद वहां से डिस्टेंस कैसे हटा लेगा. यह सोचने वाली बात है. इतना ही नहीं पत्र के जरिए विवि ने यह भी बताया कि एनसीईटी टीम के निरीक्षण के लिए उसे आस्थाई तौर पर तैयार किया जा रहा है. निरीक्षण के बाद वहां से हटा लिया जाएगा. ऐसे में गौरतलब करने वाली बात यह है कि विवि एनसीईटी को भी गुमराह करने में लगा हुआ है. कहा कि इतना पैसा खर्च करने के बाद विवि अस्थाई तौर पर अगर डिस्टेंस रखने की बात कह रहा है तो यह पूरी तरह से गलत हैं.
कॉलेज की तरफ से दस्तावेज भी दिए गए, कुलपति ने उनका अवलोकन करने के बाद कोई निर्णय नहीं लिया. इस बात का जिक्र उन्होंने अपने पत्र में नहीं किया है. सीनेट और सिंडिकेट के सदस्यों ने कहा कि यह कॉलेज पूरे बिहार का गौरव हैं. यहां पर प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और महान कवि दिनकर जैसी हस्तियों ने पढ़ाई की हैं. इससे बड़े गौरव की बात हमारे लिए क्या हो सकती है. उस पर अगर विवि की तरफ से ऐसा रूख है, तो यह सही नहीं है.
इस दौरान बैठक में अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह, सिंडिकेट के सदस्य वीरेंद्र कुमार चौधरी, शमी इकबाल, डॉ रेवती रमण, डॉ हरेंद्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार सिंह, सीनेट के सदस्य डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ विजय कुमार, डॉ शशि कुमारी सिंह, सत्येंद्र कुमार सिंह टुनटुन, डॉ अरुन कुमार सिंह आदि मौजूद रहे.