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सर्राफा मंडी में रही बंदी

गहने पर टैक्स का विरोध मुजफ्फरपुर : आम बजट में सोने के आभूषण पर लगाये गये 4.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क के विरोध में पूरे देश के सर्राफा व्यवसायियों का आंदोलन जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को स्थानीय अखिल भारतीय सर्राफा संघ के नेतृत्व में व्यवसायियों ने पुरानी बाजार स्थित सर्राफा मंडी के दुकानदार अपने […]

गहने पर टैक्स का विरोध
मुजफ्फरपुर : आम बजट में सोने के आभूषण पर लगाये गये 4.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क के विरोध में पूरे देश के सर्राफा व्यवसायियों का आंदोलन जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को स्थानीय अखिल भारतीय सर्राफा संघ के नेतृत्व में व्यवसायियों ने पुरानी बाजार स्थित सर्राफा मंडी के दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर धरने पर बैठे रहे. सरकार से काले कानून काे वापस लेने को लेकर जमकर नारेबाजी की.
संघ के महामंत्री सत्यनारायण प्रसाद ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर दो दिवसीय बंदी गुरुवार व शुक्रवार को की गयी है. आगे आंदोलन का निर्णय दिल्ली व मुंबई के एसोसिएशन की रणनीति पर तय होगा. उन्होंने बताया कि एक तो पहले से ही इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स, एक प्रतिशत वैट आदि देते हैं.
ऊपर से 4.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगा दिया गया. इससे अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा. यह काला कानून है. इससे छोटे-छोटे व्यवसायी व कारीगर पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे. ग्राहकों पर भी बोझ बढ़ेगा. व्यवसाय क्रेडिट (उधार) का धंधा है. अधिकांश ग्राहक क्रेडिट पर ही खरीदारी करते है. ऐसे में उधारी का धंधा खत्म हो जायेगा.
विरोध प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष सुरेश ठाकुर, उपाध्यक्ष शिवनाथ प्रसाद, बाबूलाल प्रसाद, सुजीत चौधरी, मंजित कुमार, दीपक कुमार, कृष्ण मोहन, पीके वर्मा, पंकज भास्कर, राजीव कुमार, कुमारी प्रीतम, संजय ठाकुर, दीपक ठाकुर, सुनील कुमार गुप्ता, अमित ठाकुर, एके गुप्ता, राज कुमार राजू, विकाश अग्रवाल, अभय कुमार सहित दर्जनों की संख्या सर्राफा व्यवसायी शामिल थे. दूसरी ओर, कारीगर जो व्यवसायियों से उधार सोना लेकर ज्वेलरी बनाते हैं, वे तो कोई काम हीं नहीं कर पायेंगे.
कारीगर के पास कोई ग्राहक व दुकानदार कोई ज्वेलरी मोती की माला में गूंथने या जोड़ने के लिए देता है, तो वह इसका हिसाब कैसे रखेंगे. अगर इस दौरान कारीगर के यहां अफसर जांच को पहुंचते हैं तो हिसाब नहीं मिलेगा और उनका पूरा सोना जब्त हो जायेगा. कारीगर इतने पढ़े-लिखे नहीं होते हैं जो वह हिसाब बही रखेंगे.
मंडी से बैरंग लौटे ग्राहक
अभी लग्न का मौसम चल रहा है. ऐसे में इस बंदी से ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. सर्राफा मंडी में खरीदारी के लिए आये ग्राहकों को वापस लौटना पड़ा. खरीदारी करने आये ग्राहक ने वहां पूछा की मंडी कब खुलेगी तो जवाब मिला, दो दिन बाद खुलने की संभावना है. इस पर ग्राहक ने कहा, दो दिन की ही तोबंदी है. इस पर दुकानदार ने कहा कि हो सकता है पिछली बार की तरह इस बार भी अनिश्चितकालीन बंदी हो जाये.
कारीगरों की मारी गयी मजदूरी
इस बंदी के कारण मंडी के सैकड़ों कारीगरों की मजदूरी मारी गयी. ये प्रत्येक दिन मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं. अगर यह बंदी पिछली बार की तरह लंबी हुई तो इनके सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो जायेगा.

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