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विवि के पूर्व कुलपति डॉ राजदेव सिंह नहीं रहे

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पूर्व कुलपति डॉ राजदेव सिंह के निधन पर सोमवार को विवि को बंद कर दिया गया. उनका निधन रविवार की रात सीवान स्थित घर पर हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 25 जनवरी 2008 को राजदेव विवि के कुलपति पद पर आसीन हुए थे. तीन सालों […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पूर्व कुलपति डॉ राजदेव सिंह के निधन पर सोमवार को विवि को बंद कर दिया गया. उनका निधन रविवार की रात सीवान स्थित घर पर हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 25 जनवरी 2008 को राजदेव विवि के कुलपति पद पर आसीन हुए थे. तीन सालों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने विवि के पक्ष में कई अहम फैसले लिए थे. इसकी वजह से उनकी एक अलग पहचान थी. उनकी कार्यकुशलता और निर्णय विवि में बड़ा ही महत्व रखते थे.

प्रशासन में उनका अच्छा अनुभव था. उनके निधन की सूचना पर विवि में शोक की लहर दौड़ गई. इसी कड़ी में नवनियुक्त प्राधानाचार्य संघ ने बैठक कर शोक जताया है. इस दौरान बैठक में प्राचार्या डॉ निर्मला सिंह, डॉ रमेश कुमार, डॉ ममता रानी, डॉ अारपी नीरज, डॉ उपेंद्र कुवर, डॉ मनोज कुमार, डॉ नारायण दास, डॉ शकुंतला आदि शामिल रहे. इनके अलावा एकेडमिक स्टाफ के निदेशक डॉ विजेंद्र नारायण सिंह, वीसी के तत्कालीन पीए पुरूषोत्म सिंह, पूर्व एमएलसी डॉ नरेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ मोती सिंह, एमएलएसी देवेश चंद्र ठाकुर आदि ने गहरा दुख व्यक्त किया.

लॉ की परीक्षा में बंद हो गया था नकल : डॉ राजदेव के काफी करीबी रहे जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ एसएस सिंह ने बताया कि उनकी कार्यकुशलता और प्रशासनिक दक्षता उनको सबसे अलग पहचान को बताता था. एक घटना का जिक्र करते हुए बताते है कि वर्ष 2010 का वह समय कभी नहीं भूल सकता. जब साइंस कॉलेज में लॉ की परीक्षा के दौरान छात्रों ने रजिस्टार की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था. और उसी शाम विवि के पदाधिकारियों ने एक बैठक आयोजित की. बैठक में सभी पदाधिकारियों ने उन्हें अगले दिन परीक्षा केंद्रों पर जाने से मना किया तो वह नाराज होकर बैठक में खड़े हो गए. और उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि मैं अपने कॉलेज में नहीं जाऊ. मेरे सारे शिक्षक वहां मौजूद रहेंगे और मैं वहां कैसे नहीं जा सकता. अगले दिल लाॅ की परीक्षा थी. वह दोनों सेंटरों पर बिना किसी भय के गए. उनकी निडरता से छात्रों और शिक्षक कर्मचारियों में भी भय था. बताया कि उस वक्त लॉ कॉलेज में छात्र काफी चोरी किया करते थे. उसे राेकने के लिए उन्होंने कठोर कदम उठाए थे.
पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ लड़े थे चुनाव
प्रो एसएस सिंह ने बताया कि सिवान में जिस वक्त शहाबुद्दीन का बोलबाला था उस वक्त उन्होंने बिना किसी डर के उसके खिलाफ विधायकी का चुनाव लड़ा था. 2000 के चुनाव में उन्होंने शहाबुद्दीन के खिलाफ खुला प्रचार प्रसार भी किया और न जाने कितने बार शहाबुद्दीन के खिलाफ आंदोलन भी किए. राजा सिंह कॉलेज सीवान में वह प्रधानाचार्य भी रहे. और वहीं से वह रिटायर भी हुए. रिटायर होने के बाद उन्हें वाइस चांसलर के पद पर आसीन किया गया था. उनकी निडरता उन्हें सबसे अलग बनाता था. वह राजा सिंह सीवान कॉलेज

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