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घर के माहौल को हल्का रखें, स्ट्रेस नहीं प्यार दें

मुजफ्फरपुर: परीक्षा का मौसम शुरू हो चुका है. सभी बच्चे पढ़ाई में लगे हैं. बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी परीक्षा की तैयारी कराने में जुटे हैं. लेकिन बच्चों की तैयारी में कोई बाधा न हो, इसके लिए अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है न कि स्ट्रेस देने की. ऐसे में अभिभावक […]

मुजफ्फरपुर: परीक्षा का मौसम शुरू हो चुका है. सभी बच्चे पढ़ाई में लगे हैं. बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी परीक्षा की तैयारी कराने में जुटे हैं. लेकिन बच्चों की तैयारी में कोई बाधा न हो, इसके लिए अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है न कि स्ट्रेस देने की. ऐसे में अभिभावक सबसे पहले घर में माहौल हल्का रखें ताकि बच्चों को तैयारी करने में कोई परेशानी न हो. बच्चों के समय में सोने-उठने, खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें.

अनुशासन जरूरी, बंदिश नहीं

गन्नीपुर निवासी नूतन प्रकाश कहती हैं कि परीक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसको लेकर बच्चों के अनुशासन का ध्यान रखना चाहिए, न बंदिश लगानी चाहिए. परीक्षा के दौरान बच्चों को कैसे पढ़ना है, इसका टाइम टेबल बना दें. साथ ही इस बात का पूरा ध्यान रखें कि बच्चे जब थका महसूस करें तो उन्हें रिलैक्स होने दें. जब बच्चे पढ़ रहे हाें तो कोशिश करें उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो. पढ़ाई के दौरान उनका ध्यान रखें कि वे कैसे पढ़ रहे हैं. इसमें सावधानी रखें ताकि बच्चों को ऐसा नहीं लगे कि उनके ऊपर निगरानी की जा रही है. उन्हें तनावमुक्त माहौल दें. लगातार अधिक देर तक पढ़ने से बचें. ये देखें कि आपका बच्चा जिस तरह पढ़ना चाहता है, उसे उस माहौल में पढ़ने दें. बच्चा जिस वक्त पढ़ रहा हो, वहां रौशनी पर्याप्त होनी चाहिए ताकि उसकी आंखों पर जोर न पड़े.

शांतिपूर्ण माहौल दें

मिठनपुरा निवासी विजय कुमार ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के दौरान माता-पिता का मोरल सपोर्ट बच्चों को देना चाहिए. बच्चों को अगर कोई परेशानी आती है तो अभिभावक बच्चे से उस परेशानी को समझें और उसका हल निकालने के उपाये के बारे में बतायें. इसके लिए शिक्षक व विशेषज्ञ की मदद लें. हर बच्चे किसी न किसी विषय में बहुत तेज तो किसी में कमजोर होते हैं. ऐसे में बच्चे का जो विषय कमजोर है और उसके दोस्त का अच्छा तो उससे सलाह लें. इसमें अभिभावकों को उनकी मदद करनी चाहिए. अगर बच्चे की पढ़ते हुए टेबल पर आंख लग गयी तो शोर मचाने के बजाये उसे थोड़ा रिलैक्स होने दें. कुछ देर के बाद उसे उठायें ताकि वह खुद को फ्रेश महसूस करें.

एक्सपर्ट की राय

प्लस टू के भौतिकी के शिक्षक मदन चौधरी (चैपमैन गर्ल्स हाई स्कूल) का कहना है कि परीक्षा के दौरान अभिभावक को पूर्ण रूप से बच्चे को स्नेह देना चाहिए. घर में ऐसा वातावरण तैयार करें ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो. उन्हें नकल के नुकसान के बारे में बतायें. बच्चे समय की बर्बादी न करें, इसका ध्यान ऐसे रखें कि उन्हें कोई बंधन महसूस न हो. बच्चों को मानसिक तनाव न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. परीक्षा को उनके ऊपर हावी न होने दें. खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. अभी बच्चे मानिसक रूप से एकाग्रचित हो जाते हैं. ऐसे में इस बात का पूरा ध्यान रखें कि उन्हें किसी प्रकार परेशानी न हो.

अंग्रेजी की शिक्षिका डॉ आरती कुमारी (रा.उ.मा. विद्यालय, ब्रह्मपुरा) कहती हैं कि परीक्षा के समय बच्चे भरपूर नींद लें, इसका ध्यान रखें. जो पहले पढ़ चुके हैं, उसे रिवाइज करते रहें, नययी चीज को पढ़ने पर ज्यादा ध्यान न दें. नोट्स बनाकर प्वाइंट वाइज पढ़ें. इस दौरान बच्चे अपने अन्य गतिविधि पर थोड़ा कम ध्यान देते हुए पढ़ाई को अधिक महत्व दें ताकि उनके दिमाग में भटकाव न हो. जो टॉपिक समझ में न आये, उसे समझने की कोशिश करें. इसके लिए शिक्षक व विशेषज्ञ की राय लें. इसमें अभिभावक उनका सहयोग करें. बाजार से मॉडल पेपर लेकर सेट जरूर बनायें. बच्चे न कोई स्ट्रेस लें और अभिभावक कोई स्ट्रेस न दें.

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