24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कहीं पंकज गिरोह तो शामिल नहीं!

मुजफ्फरपुर: रेवा घाट पुल पर युनाइटेड बैंक के 31 लाख रुपये लूट मामले में पुलिस का शक वैशाली जिला के सदर थाना क्षेत्र के हरौली निवासी पंकज ठाकुर गिरोह पर है. 24 जुलाई 2012 को सोनपुर पुराना गंडक पुल पर एसबीआइ के कैश वैन से 70 लाख रुपये लूट की घटना को इसी गिरोह ने […]

मुजफ्फरपुर: रेवा घाट पुल पर युनाइटेड बैंक के 31 लाख रुपये लूट मामले में पुलिस का शक वैशाली जिला के सदर थाना क्षेत्र के हरौली निवासी पंकज ठाकुर गिरोह पर है. 24 जुलाई 2012 को सोनपुर पुराना गंडक पुल पर एसबीआइ के कैश वैन से 70 लाख रुपये लूट की घटना को इसी गिरोह ने अंजाम दिया था. 70 लाख व मंगलवार की 31 लाख रुपये लूट मामले में कई समानता पायी गयी है.

दोनों ही घटनाओं को दिनदहाड़े पुल पर अंजाम दिया गया था. वही सबसे बड़ी बात यह सामने आयी है कि दोनों घटना को अंजाम देने के दौरान अपराधियों ने सबसे पहले सुरक्षा कर्मी का हथियार छीन कर पुल के नीचे फेंक दिया था. जांच में जुटे पुलिस कर्मी का मानना है कि दोनों घटना में अपराधी पूर्व से ही पुल पर घात लगाये थे. उन्हें पक्की सूचना थी कि पैसा इस रोड होकर आना है. सोनपुर गंडक पुल पर 70 लाख लूट के दिन भी कैश वैन के आगे ऑटो चल रहा था, जिससे गाड़ी धीमी हो गयी थी.

वही रेवा घाट की घटना में भी कैश वैन के आगे ट्रक रहने की बात आयी है. यह भी माना जा रहा है कि इस पूरे मामले में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे मोटी रकम ले जाने के बारे में पक्की सूचना थी. उसी के सूचना के आधार पर लूट की घटना का प्लान तैयार किया गया होगा. इधर, पुलिस के पंकज के ठिकाने को तलाश रही है. बताया जाता है कि उसे 4 अक्तुबर 2012 को मुजफ्फरपुर पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे वैशाली पुलिस के हवाले किया गया था. पुलिस यह जानने में जुटी है कि जेल से वह कब छूटा. जेल से निकल कर उसने फिर से गिरोह खड़ा कर घटना को तो अंजाम नहीं दिया. उस समय उसके गिरोह के चार सदस्य की ही गिरफ्तारी हो पायी थी, जिसमें बरुराज के अयुब खान, पारू के प्रेम प्रकाश व मोतीपुर के कलाम को गिरफ्तार किया गया था. प्रेम प्रकाश के घर ही उस समय घटना को अंजाम देने के बाद पंकज अपने गिरोह के साथ ठहरा था. बुधवार की सुबह अहिया चौर से टीन का बक्सा बरामद होने के बाद पुलिस का शक और गहरा हो गया है. देर रात तक एसएसपी के नेतृत्व में विशेष टीम छापेमारी में जुटी थी.

नौ अपराधियों ने दिया था अंजाम : 70 लाख लूट की घटना को कुख्यात पंकज ने अपने आठ साथियों के साथ अंजाम दिया था, जिसमें मो अयुब, प्रेम प्रकाश, मो कलाम, बिदुपुर का मुकेश सिंह, बरुराज थाना के मौना निवासी हवीब, बिदुपुर के ककरहट्टा गांव निवासी राहुल कुमार, लड्ड राय, बिदुपुर के ककरहट्टा गांव निवासी राहुल सिंह शामिल था. पुलिस ने उस घटना में चार अपराधियों को ही गिरफ्तार कर पायी थी. वही पांच अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर थे. संभव है कि जेल से निकलने के बाद फिर से गिरोह को खड़ा कर घटना को अंजाम दिया गया हो.

मुकेश के हथियार का हुआ था उपयोग : 70 लाख लूट मामले में बिदुपुर के मुकेश सिंह के हथियार का इस्तेमाल किया गया था. घटना को अंजाम देने के बाद वह कोलकाता भाग गया था. पुलिस उसे पकड़ने के लिए कोलकाता में भी छापेमारी की थी. अपराधियों के पास से पुलिस ने 2 लाख 15 हजार रुपये नगद भी बरामद किया था, जिसमें 65 हजार रुपये लूटे गये 70 लाख की सीरिज से मिल गये थे.

पंकज व मुकेश ने लिया था 20-20 लाख : 70 लाख लूट में मुकेश व पंकज ने 20-20 लाख की रकम ली. पंकज ने लूट की राशि ने 10 चक्के का नये ट्रक की चेसिस खरीदी थी, जिसका बॉडी अतरदह- मझौलिया के एक गैरेज में बन रहा था. पंकज ने गैरेज ठेकेदार को तीन लाख की रकम भी दी थी, जिसमें से पुलिस ने डेढ लाख रुपये बरामद कर लिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें