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सरकारी योजनाओं से वंचित होंगे हजारों छात्र

सरकारी योजनाओं से वंचित होंगे हजारों छात्र-प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से भविष्य पर भी संकट -471 स्कूलों ने नहीं जमा किया यू-डायस फॉरमेट -हर साल छात्र संख्या के आधार पर बनता है बजट संवाददाता, मुजफ्फरपुर शिक्षा की बेहतरी के लिए सरकार की ओर से बनने वाली योजनाओं से जिले के हजारों छात्र-छात्राएं वंचित हो सकते […]

सरकारी योजनाओं से वंचित होंगे हजारों छात्र-प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से भविष्य पर भी संकट -471 स्कूलों ने नहीं जमा किया यू-डायस फॉरमेट -हर साल छात्र संख्या के आधार पर बनता है बजट संवाददाता, मुजफ्फरपुर शिक्षा की बेहतरी के लिए सरकार की ओर से बनने वाली योजनाओं से जिले के हजारों छात्र-छात्राएं वंचित हो सकते हैं. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के चलते ऐसे आसार बनने लगे हैं. यू-डायस फॉरमेट पर स्कूलों में उपलब्ध संसाधन व छात्र-छात्राओं की संख्या सरकार को भेजी जाती है. उसी के आधार पर अलग-अलग योजनाओं के लिए हर साल बजट तैयार होता है. विभाग के बार-बार चेतावनी के बाद भी 471 स्कूलों ने अभी यू-डायस फॉरमेट नहीं जमा किया है. ऐसे में इन स्कूलों में नामांकित छात्र-छात्राएं सरकार के रिकॉर्ड से बाहर हो जायेंगे. विभाग के रिकॉर्ड में कुल 586 प्राइवेट स्कूल हैं. इनमें से 115 ने ही यू-डायस फॉरमेट जमा किया है. खास बात यह है कि सीबीएसइ से एफीलिएटेड 40 स्कूलों में केवल 20 ने ही अपनी रिपोर्ट दी है. पिछले साल अक्तूबर से यू-डायस फॉरमेट भरवाने की प्रक्रिया चल रही है. सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को फॉरमेट पर सूचनाएं देनी हैं. खासकर नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या व उनके लिए उपलब्ध संसाधनों का रिकॉर्ड देना होता है. स्कूलों को सीआरसीसी व बीआरसी के माध्यम से जिला मुख्यालय को भेजना है, जहां से समेकित रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजी जानी है. 31 दिसंबर तक ही जिले से रिकॉर्ड भेजना था. हालांकि, 15 दिन बाद भी विभाग रिपोर्ट तैयार नहीं कर सका है. सरकारी स्कूलों ने तो जैसे-तैसे अपना डाटा दे दिया, लेकिन प्राइवेट स्कूलों पर विभाग के निर्देश का कोई असर नहीं दिख रहा. आंकड़े का महत्व राइट टू एजुकेशन के तहत छह से 14 वर्ष तक के बच्चों के मूलभूत अधिकार में शिक्षा भी है. इसी के तहत सरकार हर साल स्कूलों में नामांकित बच्चों का आंकड़ा तैयार करती है. हर उम्र के बच्चों का अलग-अलग रिकॉर्ड है. जिलावार सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या यू-डायस के माध्यम से सरकार तक पहुंचती है. इस रिकॉर्ड के आधार पर सरकार जो बच्चे नामांकित है, उनके लिए विभिन्न योजनाओं का बजट तैयार करती है. साथ ही बच्चों की कुल संख्या की तुलना में नामांकित बच्चों की संख्या के बीच के अंतर को यह मान लिया जाता है कि ये बच्चे स्कूल से बाहर है. ऐसे में उन्हें स्कूल तक पहुंचाने के लिए भी प्रयास किया जाता है. रद्द हो सकती है साल भर के लिए मान्यता यू-डायस फॉरमेट नहीं देने वाले स्कूलों की मान्यता साल भर के लिए रद्द हो सकती है. हालांकि विभाग की इस कार्रवाई से छात्रों के लिए भी परेशानी हो सकती है. जिस सत्र की मान्यता रद्द होगी, उसमें स्कूल द्वारा जारी प्रमाण पत्र अवैध माने जाएंगे. विभाग का कहना है कि बार-बार चेतावनी के बाद भी स्कूल संचालक लापरवाही कर रहे हैं. इससे सरकार की योजनाओं प्रभावित हो सकती है. ऐसे में इन स्कूलों की मान्यता एक साल के लिए रद्द की जाएगी. इस दौरान इन्हें न तो कोई सरकारी सुविधा मिलेगी, न ही किसी तरह के बजट का प्रावधान करना है.कोट: यू-डायस फॉरमेट जमा करने के लिए प्राइवेट स्कूलों को बार-बार चेतावनी दी गयी है, लेकिन कोई गंभीरता से नहीं ले रहा. अंतिम मौका दिया गया है. इसके बाद जिन स्कूलों की रिपोर्ट मिली है, उसे समेकित कर मुख्यालय को भेज दिया जायेगा. साथ ही निर्देश की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी. नीता कुमारी पांडेय, डीपीओ-प्रारंभिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान

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