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48 घंटे में होगी बारिश

मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार की प्यासी धरती को मौसम से कुछ राहत मिलेगी. पश्चिमी विक्षोभ यहां पर प्रवेश कर गया है. इस कारण बारिश हो सकती है. मौसम विभाग का कहना है कि अगर अभी बारिश होती है तो गेहूं समेत सभी फसलों को लाभ होगा. क्याेंकि खरीफ सीजन के साथ-साथ इस वर्ष हथिया नक्षत्र में […]

मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार की प्यासी धरती को मौसम से कुछ राहत मिलेगी. पश्चिमी विक्षोभ यहां पर प्रवेश कर गया है. इस कारण बारिश हो सकती है. मौसम विभाग का कहना है कि अगर अभी बारिश होती है तो गेहूं समेत सभी फसलों को लाभ होगा. क्याेंकि खरीफ सीजन के साथ-साथ इस वर्ष हथिया नक्षत्र में बारिश नहीं हुई है. हालांकि आलू किसानों को सतर्कता बरतनी होगी.
राजेंद्र कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ ए सत्तार ने बताया कि 20 जनवरी तक मौसम में कई बदलाव हो सकते हैं. उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाये रह सकते हैं. अगले 48 घंटे के बाद पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी या बारिश हो सकती है. इसकी संभावना 20 जनवरी तक बन रही है.

अधिकतम तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. अगले दो दिनों तक सुबह में हल्के से मध्यम कोहरे छाये रह सकते हैं. कहीं-कहीं घना कुहासा भी लग सकता है. इस अवधि में औसतन 3 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा व उसके बाद मुख्य रूप से पुरबा हवा चलने की संभावना है. सापेक्ष आर्द्रता सुबह में करीब 80 से 85 प्रतिशत व दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने का अनुमान है. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है. न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य के करीब है.

फसलों को मिलेगा नया जीवन, उत्पादन बढ़ेगा
मुजफ्फरपुर. आरएयू के ग्रामीण कृषि परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ ए सत्तार का कहना है कि दिसंबर में हर वर्ष कम से कम आठ से नौ मिलीमीटर बारिश की जरूरत पड़ती है. वहीं जनवरी में 10 से 12 मिलीमीटर बारिश का पानी चाहिए. ऐसा नहीं होना रबी के लिए नुकसान दायक है. बारिश का पानी गेहूं, चना, मसूर, मक्का, राई, तोरी व सरसों समेत सभी फसलों की जरूरत है. कुछ देर से ही सही, अगर बारिश होती है तो फसलों के साथ-साथ इसका फायदा मिलेगा. उत्पादन पर भी फर्क पड़ेगा.

पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक देवनाथ प्रसाद बताते हैं कि बारिश होने के बाद फसलों को काफी फायदा होगा. पौधे जमीन से पोषक तत्व आसानी से ले सकेंगे. पौधे कार्बन डायऑक्साइड का आदान-प्रदान आसानी से कर पायेंगे. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बेहतर होगी. पौधे आसानी से अपना भोजन बना सकेंगे. अभी की बारिश फसलों के लिए अमृत साबित होगा.
वर्ष दिसंबर में बारिश (एमएम)
2003 8.0
2005 20.5
2009 5.4
2014 4.0
11 वर्षों में दिसंबर में बारिश शून्य
वर्ष जनवरी में बारिश (एमएम)
2001 7.5
2003 6.0
2004 4.0
2005 2.5
2008 14.0
2011 2.6
2012 14.1
2013 10.1
2014 9.5
2015 8.4
छह वर्षों में जनवरी में बारिश शून्य

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