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नक्सलियों-अपराधियों के निशाने पर हैं अजीत व राजू

मुजफ्फरपुर : जिले के पूर्व मंत्री सह कांटी विधायक ई. अजीत कुमार व पूर्व विधायक राजू सिंह की जान खतरे में है. इन पर कभी भी जानलेवा हमला हो सकता है. नक्सली व अपराधी गिरोह द्वारा इनकी हत्या की योजना बनाये जाने का खुलासा पुलिस जांच में हुआ है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर स्थानीय […]

मुजफ्फरपुर : जिले के पूर्व मंत्री सह कांटी विधायक ई. अजीत कुमार व पूर्व विधायक राजू सिंह की जान खतरे में है. इन पर कभी भी जानलेवा हमला हो सकता है. नक्सली व अपराधी गिरोह द्वारा इनकी हत्या की योजना बनाये जाने का खुलासा पुलिस जांच में हुआ है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर स्थानीय पुलिस ने इस मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट एसएसपी रंजीत मिश्रा को सौंपी है.
11 वर्षों से मिल रही है पूर्व मंत्री को धमकी . पूर्व मंत्री सह कांटी के विधायक ई. अजीत कुमार को नक्सलियों व अपराधियों द्वारा वर्ष 2005 से की हत्या की धमकी दी जा रही है. जून 2005 में मड़वन प्रखंड के रक्सा गांव में माओवादियों द्वारा आश्रय लेने के दौरान हल्ला हो जाने पर गोलीबारी की गयी थी. रक्सा में जुटे नक्सलियों द्वारा ई. अजीत की हत्या की योजना बनायी जा रही है. इस जानकारी के बाद ग्रामीणों ने वहां हंगामा कर दिया था. इससे बौखलाकर माओवादियों ने गोलीबारी की थी. इस मामले की जानकारी ई. अजीत ने 28 जून 2005 को तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक को दी थी. वर्ष 2008 में भी ई.

अजीत को माओवादियों ने धमकी दी थी. 21 मई 2008 की रात करीब 11.49 बजे माओवादियों ने 09822471423 नंबर से उनके लैंड लाइन पर फोन कर जान मारने की धमकी दी थी. इस मामले में 22 मई 2008 को सदर थाना में एक सनहा दर्ज हुआ था. 19 अप्रैल 2009 को कांटी के सरमसपुर में ई. अजीत कुमार पर कुछ लोगों द्वारा हमला किया गया था. इस मामले में कांटी थाना में एक प्राथमिकी (संख्या-67/09) दर्ज हुई थी. 16 अप्रैल 2012 को एमएलसी दिनेश सिंह के सरैया अंतर्गत हॉल मिक्स प्लांट पर माओवादियों ने हमला बोला था. इस दौरान माओवादियों ने वहां तोड़फोड़ व आगजनी के बाद पर्चा भी छोड़ा था. माओवादियों द्वारा छोड़े गये पर्चे में ई. अजीत कुमार सहित अन्य नेताओं को जान से मारने की धमकी दी गयी थी.

अपराधियों के निशाने पर भी हैं पूर्व मंत्री
सामाजिक कार्यकर्ता व समर्थक उमाशंकर साहु की हत्या के बाद शातिर अपराधियों को सलाखों के अंदर पहुंचाने के लिए आवाज उठाने के बाद ई. अजीत को अपराधियों ने भी अपने निशाने पर ले लिया है. पहली जून 2013 को सामाजिक कार्यकर्ता करजा थाना के बंगरी निवासी उमाशंकर साहु की हत्या रौतनिया पावर ग्रिड के समीप कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में मंसूरपुर चमरुआ के शातिर अपराधी श्याम कुमार उर्फ गब्बर को अाराेपित किया गया था. गब्बर की गिरफ्तारी के लिए ई. अजीत कुमार ने आंदोलन व हंगामा भी किया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस के वरीय अधिकारियों के यहां पैरवी कर गब्बर की गिरफ्तारी करायी थी. जेल में बंद गब्बर ने 30 जुलाई 2015 को अधिवक्ता ब्रजकिशोर शर्मा की हत्या करा दी थी. इस मामले में भी ई. अजीत ने गब्बर के भाई शंभु पासवान को गिरफ्तार कराया था. अधिवक्ता ब्रजकिशोर की हत्या में गब्बर द्वारा जेल में पवन भगत गिरोह के शातिर सुमन श्रीवास्तव की मदद लेने की बात भी जांच में सामने आयी थी. विधायक अशोक सिंह, पूर्व विधायक राजू सिंह, एएसपी अभियान राणा ब्रजेश समेत चार थानों पर हमले की योजना बनाने का भी खुलासा हुआ है. नवंबर 2015 में खुफिया की रिपोर्ट में इस बात की आशंका जतायी गयी है.
जेल में बड़े घटना को अंजाम देने की बन रही थी योजना
पुलिस को जेल में बंद सुमन श्रीवास्तव व अन्य अपराधियों द्वारा किसी बड़े घटना को अंजाम देने की योजना की जानकारी हो गयी थी. एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा ने जेल अधीक्षक को सुमन श्रीवास्तव पर नजर रखने की हिदायत भी दी थी. जेल अधीक्षक ने इस सूचना पर गत छह जनवरी को सुमन श्रीवास्तव के वार्ड में छापेमारी करायी थी. बाद में इन्हीं सब कारणों से जेल में बंद सुमन श्रीवास्तव सहित पांच अपराधियों को भागलपुर विशेष कारा में सोमवार 11 जनवरी को स्थानांतरित कर दिया गया.
पूर्व विधायक राजू सिंह को मिल चुकी है धमकी
साहेबगंज के पूर्व विधायक राजू सिंह को भी नक्सलियों व अपराधियों द्वारा कई बार जान मारने की धमकी दी जा चुकी है. दिसंबर 2015 में नक्सली नवल पासवान सहित कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के बाद अपने स्वीकारोक्ति बयान में इस बात को स्वीकार किया है. पुलिस जांच में भी ये बातें सामने आयी हैं. राजू सिंह ने मुख्यमंत्री सहित डीजीपी तक को इस मामले से अवगत करा दिया है. 13 अक्तूबर 2015 को भी खुफिया रिपोर्ट में पूर्व विधायक राजू सिंह पर हमले की साजिश को लेकर सर्तक किया गया था. पूर्व मंत्री ई. अजीत कुमार ने बातया कि इस मामले से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व डीजीपी को अवगत करा दिया गया है. पुलिस पदाधिकारियों को भी इसकी जानकारी है.

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