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यू-डायस से कवर्ड होने पर ही मिलेगा सरकारी लाभ

यू-डायस से कवर्ड होने पर ही मिलेगा सरकारी लाभ -सीबीएसइ के एफीलिएटेड-नन एफीलिएटेड स्कूल दायरे में -डीसीएफ पर देना है एजुकेशनल व इंफ्रास्ट्रक्चरल स्टेटस संवाददाता, मुजफ्फरपुर सीबीएसइ से एफीलिएटेड व नन एफीलिएटेड स्कूलों को सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ लेने के लिए यू-डायस से कवर्ड होना जरूरी है. स्कूलों को डाटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) […]

यू-डायस से कवर्ड होने पर ही मिलेगा सरकारी लाभ -सीबीएसइ के एफीलिएटेड-नन एफीलिएटेड स्कूल दायरे में -डीसीएफ पर देना है एजुकेशनल व इंफ्रास्ट्रक्चरल स्टेटस संवाददाता, मुजफ्फरपुर सीबीएसइ से एफीलिएटेड व नन एफीलिएटेड स्कूलों को सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ लेने के लिए यू-डायस से कवर्ड होना जरूरी है. स्कूलों को डाटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) पर एजुकेशनल व इंफ्रास्ट्रक्चरल स्टेटस देना है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूलों को यू-डायस कोड आवंटित किया जाता है. इसका उपयोग करके राज्य व केंद्र सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए तमाम योजनाएं तैयार करती है. बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक के सेंथिल कुमार ने सीबीएसइ के क्षेत्रीय कार्यालय पटना को पत्र भेजकर सभी स्कूलों का यू-डायस रिपोर्ट जमा कराने को कहा है. कहा है कि यू-डायस से कवर्ड नहीं हाेने पर केंद्र सरकार की विभिन्न प्रतियोगिता व योजनाओं में सहभागिता नहीं हो सकेगी. 20 फीसदी स्कूलों ने ही दी रिपोर्ट यू-डायस रिपोर्ट देने में प्राइवेट स्कूल काफी पीछे हैं. जिले में एफीलिएटेड व नन एफीलिएटेड मिलाकर करीब 500 स्कूल है, जिन्हें यू-डायस फॉरमेट पर सारी जानकारी देनी है. दो महीने से शिक्षा विभाग इसके लिए दबाव बना रहा है. डीइओ ने आखिरी मौका देते हुए पांच जनवरी तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह समय बीतने के बाद भी सभी स्कूल जमा नहीं कर सके. लापरवाही व जागरूकता की कमी प्राइवेट स्कूलों के लिए यू-डायस कोड जरूरी है, इसके बाद भी सभी स्कूल रिपोर्ट देने में पीछे छूट गये हैं. एक तरफ विभाग का कहना है कि यह स्कूलों की लापरवाही है, जबकि स्कूल संचालक इसके पीछे जागरूकता की कमी बता रहे हैं. उनका कहना है कि सभी स्कूलों को यू-डायस फॉरमेट उपलब्ध कराकर उसे भरने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. उन्हें यू-डायस कोड के फायदे भी बताने होंगे. कोट: एफीलिएटेड व नन एफीलिएटेड स्कूलों को यू-डायस फॉरमेट भरकर देना जरूरी है. इसके फायदे भी है लेकिन सही जागरूकता नहीं होने के कारण अधिकतर स्कूल रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं. विभाग को इसके लिए स्कूल संचालकों को फॉरमेट उपलब्ध कराने के साथ ही उसे भरने की जानकारी भी देना होगा. राज्य के अन्य कई जिलों में विभाग के सहयोग से सभी प्राइवेट स्कूलों ने फॉरमेट पर एजुकेशनल व इंफ्रास्ट्रक्चरल डाटा दे दिया है. सुधीर कुमार, अध्यक्ष- एसोसिएशन ऑफ बिहार एकेडमिक इंस्टीट्यूशन \\\\B

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