साहित्य सर्जना का वर्ष रहा 2015जिले के साहित्यकारों की 40 पुस्तकों का प्रकाशनप्रकाशकों ने कहा, साहित्यिक परंपरा में शहर की उपलब्धिविनय, मुजफ्फरपुर वर्ष 2015 मुजफ्फरपुर के लिए साहित्य सर्जना का वर्ष रहा. इस वर्ष साहित्यिक सर्जना परवान चढ़ी. जिले के साहित्यकारों की 40 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. इनमें कविता, कहानी से लेकर शोधपरक आलेख भी हैं. हालांकि अब तक छह किताबों का ही लोकार्पण हुआ है. खास बात यह रही कि इस बार राष्ट्रभाषा का पांडुलिपि पुरस्कार जिले की डॉ भावना के काव्य संग्रह ‘सपनों को मरने मत देना’ के लिए मिला. इसके अलावा शहर के मुकुंद वर्मा ने भी अंग्रेजी नॉवेल ‘ऑल आई नीड इज यू’ से साहित्य प्रेमियों का ध्यान खींचा. प्रोफेसर व संगीतज्ञ डॉ अरविंद कुमार की पुस्तक ‘अभिषेक संगीत पल्लव’ भी चर्चा में है. कवयित्री पंखुरी सिन्हा का काव्य संग्रह भी पाठकों की सराहना बटोर चुका है. युवा साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने भी इस वर्ष अपनी दो पुस्तकों ‘शब्द नहीं मां चेतना’ व ‘समय बोलता है’ से साहित्य को ऊंचाई दी है. शहर के प्रकाशकों का कहना है कि जिले में साहित्य सृजन की वर्षों से परंपरा रही है. लेकिन इस वर्ष जिले की अच्छी उपलब्धि है. कई पांडुलिपि प्रकाशित होने के लिए अभी रखी हुई है. प्रकाशक राजीव कुमार कहते हैं कि जिले में साहित्यिक सर्जना दिन ब दिन बढ़ रही है. यह यहां के संस्कार व संस्कृति का ही असर है. प्रकाशक अशोक गुप्त भी वर्ष 2015 को साहित्य व संस्कृति के लिए बेहतर मानते हैं. जिले के साहित्यकारों की प्रकाशित पुस्तकें- अभिषेक संगीत पल्लव : डॉ अरविंद कुमार, शोध – शब्दों की कीमत : डॉ भावना, गजल संग्रह- सपनों को मरने मत देना : डॉ भावना, काव्य संग्रह- ऑल आई नीड इज यू : मुकुंद वर्मा, उपन्यास- रक्तिम संधियां : पंखुरी सिन्हा, काव्य संग्रह- डॉ अंबेदकर की चेतना : डॉ अजीत कुमार, राजनीतिक- कवि किशोर की रचनाओं में मिथकीय और पौराणिक चेतना : डॉ अब्दुल रब अंसारी, शोध- आर्ट ऑफ कनवर्सेशन : राम निवास कुमार, साहित्य- डॉ राजेंद्र प्रसाद : राम निवास कुमार, वैचारिक- स्वामी विवेकानंद हिज टीचिंग : राम निवास कुमार, वैचारिक- परी दीदी : अमरनाथ मेहरोत्रा, बाल कहानी- ओ री लाडो : अभिषेक अंजुम, कहानी संग्रह- यादव गणराज्य और श्रीकृष्ष्ण : रामप्रवेश सिंह, वैचारिक- दर्द का रिश्ता : राम उचित पासवान, कहानी- धूप-छांव : हरिनारायण गुप्ता, गीत- अभिनंदन ग्रंथ डॉ आरपी श्रीवास्तव : डॉ रेवती रमण- विविध विधाएं और आलेख : सत्यनारायण श्रीवास्तव, विविध- भावांजलि : सीताराम पांडेय, मूल्यांकन- प्रत्यूषा : सीताराम पांडेय, मूल्यांकन- रीतिकालीन भारतीय समाज खंड – 1 : डॉ भुवनेश्वर प्रसाद वर्मा कमल- भारती : रामजी प्रसाद सिंह शिवांश, कविता संग्रह- दर्द की आवाज : डॉ सिबगतुल्लाह हमीदी, गजल संग्रह- स्वातंत्रयोत्तर हिंदी पत्रकारिता की साहित्यिक भूमिका : डॉ अभिलाषा- बज्जिका अंगना : गणेश प्रसाद सारंग, कविता संग्रह- आचार्य शुक्ल के मनोवैज्ञानिक निबंधों का संग्रह : डॉ रविंद्र कुमार रवि – विद्योत्मा : डॉ इंद्रनाथ झा, शोध पत्र- समय बोलता है : डॉ संजय पंकज, वैचारिक- शब्द नहीं मां चेतना : डॉ संजय पंकज, कविता- आचार्य रमानाथ झा ओ मैथिली आलोचना : इंदुधर झा, समालोचना- हिंदी साहित्य के रीतिकाल का इतिहास : डॉ भुवनेश्वर प्रसाद शर्मा कमल, शोधात्मक- परकीया की प्रीति : डॉ भुवनेश्वर प्रसाद शर्मा कमल, कहानी- मिट्टी के फूल : ब्रजनंद सिंह रुद्राक्ष, कविता संग्रह- तुतली धूप : ब्रजनंद सिंह रुद्राक्ष, कविता संग्रह- भोजपुरी लोक साहित्य में अभिव्यक्त स्त्री प्रश्न : डॉ मन्नू राय, समालोचना- सोवेनियर कम बुक ऑफ अबस्ट्रैक्ट : संगीता सिन्हा, शोधात्मक- पुश्तैनी गंध : डॉ पूनम सिंह, काव्य संग्रह- मदन वात्स्यायन शब्द और विचार : डॉ रश्मि रेखा- अक्षर अक्षर फूल बने : रंजीत पटेल, गीत संग्रह- सृजन के कुछ पल : विनय भूषण, कहानी संग्रह- आक्षे : संत कुमार साह, आलोचनानये वर्ष में विभिन्न विधाओं में लेखनयुवा साहित्यकार डॉ संजय पंकज कहते हैं कि नये वर्ष में विभिन्न विधाओं में लेखन ही उनकी प्राथमिकता होगी. इसके अलावा विभिन्न शिक्षण संस्स्थानों में आचार्य जानकीवल्लभ की रचनाधर्मिता पर व्यापक चर्चा भी योजना में शामिल है. कविवर राजेंद्र प्रसाद सिंह पर संचयन भी नये वर्ष में किया जाना है. इस दिशा में काम चल रहा है.आम आदमी तक पहुंचेगी गजलगजलकारा डॉ भावना कहती हैं कि गजल कहने की परंपरा को विस्तार देंगी. नयी पुस्तक की तैयारी चल रही है. शब्दों की कीमत पर जो प्रतिक्रिया आयी है, उससे उत्साहित हूं. मुक्त छंद की कविता पर भी काम कर रही हूं. नये बिंबों की सार्थक अभिव्यक्ति की कोशिश है. इस वर्ष की तरह आने वाले वर्ष में दो पुस्तकें लाने की योजना है. लेखन प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी.कई पुस्तकों का होगा प्रकाशनकवयित्री डॉ पंखुरी कहती हैं कि आने वाले वर्ष में कई योजनाएं पूरी होंगी. पहले से प्रकाशन की बाट जोह रहे कई पुस्तकों का प्रकाशन होगा. इसके अलावा लेखन निरंतर जारी है. आने वाले वर्ष में कई योजनाओं पर काम किया जाना है. मुक्त छंद की कविताओं पर मेहनत कर रही हूं.नये रूप में होंगे आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्रीप्रोफेसर व संगीतज्ञ डॉ अरविंद कुमार कहते हैं कि आने वाले वर्ष में आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री अलग रूप में होंगे. उनकी संगीत परंपरा पर मेरे कई शोध परक लेख तैयार हैं. इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की योजना है. आचार्य शास्त्री के गीतों के संगीत से अंतर्संबंध पर केंद्रित पुस्तक नये वर्ष की उपलब्धि होगी.
Advertisement
साहत्यि सर्जना का वर्ष रहा 2015
साहित्य सर्जना का वर्ष रहा 2015जिले के साहित्यकारों की 40 पुस्तकों का प्रकाशनप्रकाशकों ने कहा, साहित्यिक परंपरा में शहर की उपलब्धिविनय, मुजफ्फरपुर वर्ष 2015 मुजफ्फरपुर के लिए साहित्य सर्जना का वर्ष रहा. इस वर्ष साहित्यिक सर्जना परवान चढ़ी. जिले के साहित्यकारों की 40 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. इनमें कविता, कहानी से लेकर शोधपरक आलेख भी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement