मुजफ्फरपुर: अधिवक्ता राम कुमार ठाकुर की पत्नी उषा देवी अपने पति के हत्यारों के भय से गांव से पलायन करने की तैयारी में है. हत्या के नौ माह बाद भी एक भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. स्थिति यह है कि गांव में सरेआम हत्या के अभियुक्त घूम रहे है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
उषा देवी ने एनएसीपीआरआइ (नेशनल कॉम्पेन फॉर पीपुल राइल टू इंफॉरमेशन ) को पत्र लिख कर पूरे मामले की जानकारी दी है. पत्र में बताया गया है कि उनके पति राम कुमार ठाकुर आरटीआइ कार्यकर्ता भी थे. 2006 में सूचना के अधिकार कानून बनने के बाद वे लगातार अपने पंचायत में हुए घोटाला को उजागर करते रहे हैं. इसी क्रम में मुखिया राज कुमार सहनी व उसका बेटा, भतीजा कई बार दरवाजे पर आकर धमकी दिया था.
यहीं नहीं, उन्हें कई गलत केस में फंसाया गया. केस से भी नहीं डरने पर 23 मार्च को गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गयी. मनियारी थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की गयी. कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस कुर्की की कार्रवाई नहीं कर सकी है. पत्र में एक सांसद पर भी आरोप लगाये गये है.
इधर, पुलिस अधिकारी इस मसले पर सीआइडी जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे है. मंगलवार को कोई भी पुलिसकर्मी इस मसले पर अधिकारिक रूप से बोलने पर तैयार नहीं थे.