मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में टेबुलेटिंग रजिस्टर (टीआर) व अंक पत्र मुहैया कराने के लिए जेपी प्रिंटर के अनुबंध को एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसके तहत एजेंसी जून 2014 तक विवि को टीआर व अंक पत्र मुहैया करायेगी. इसके लिए विवि पुराने दर के हिसाब से एजेंसी को भुगतान करेगी. परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह की अनुशंसा पर कुलसचिव ने इसका प्रस्ताव कुलपति के पास भेज दिया है. मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जायेगा. इसको लेकर एक बार फिर विवाद उत्पन्न हो सकता है.
2010 में जेपी इंटरप्राइजेज को विवि की परीक्षाओं के दौरान टीआर व अंक पत्र के लिए अनुबंध दिया गया था. यह अनुबंध तीन सालों के लिए किया गया था, जिसकी अवधि जून 2013 में समाप्त हो चुकी है. इस बीच वर्ष 2012 में तत्कालीन कुलपति डॉ विमल कुमार के समय स्नातक की परीक्षाओं को कंप्यूटराइज्ड बनाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए पटना की केंद्रीय भंडार के साथ अनुबंध किया गया.
ऐसा बिना सेल्स एंड पर्चेज व फाइनेंस कमेटी की मंजूरी के किया गया. इसको लेकर विवाद हुआ. बाद में एजेंसी के साथ स्नातक पार्ट वन के रिजल्ट जारी करने को लेकर हुए विवाद के कारण कुलपति ने उसके भुगतान पर रोक लगा दी. इसकेखिलाफ एजेंसी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसमें पूर्व में जेपी इंटरप्राइजेज को दिये गये अनुबंध पर भी सवाल उठाये गये है. फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है.