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…श्याम सुंदर दुल्हा कमाल सखियां

…श्याम सुंदर दुल्हा कमाल सखियांजयजगदीश हरे मंदिर में चल रहे भागवत कथा में रही भक्तों की भीड़वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : अंडीगोला स्थित जय जगदीश हरे मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को भक्तों की काफी भीड़ रही. व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य संजय पाराशर ने कहा कि श्रोताओं को महारास, कंस वध, उद्धव गोपी […]

…श्याम सुंदर दुल्हा कमाल सखियांजयजगदीश हरे मंदिर में चल रहे भागवत कथा में रही भक्तों की भीड़वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : अंडीगोला स्थित जय जगदीश हरे मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को भक्तों की काफी भीड़ रही. व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य संजय पाराशर ने कहा कि श्रोताओं को महारास, कंस वध, उद्धव गोपी संवाद, अकूरजी का प्रसंग व रुकमणी कृष्ण विवाह प्रसंग पर विस्तार से चर्चा कर भक्तों को मुग्ग्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के महारास में शामिल होने के लिए देवता भी ललायित रहते थे. भगवान शिव भी एक बार ब्रजनारी के वेष में गोकूल आ गये थे. लेकिन रास के दौरान उनकी पोल खुल गयी. उन्होंने कहा कि कंस के वध से पहले श्रीकृष्ण ने राक्षस व अत्याचारियों का वध कर लोगों की रक्षा की.आचार्य ने कहा कि कंस के वध के साथ ही हर ओर खुशियाली छा गयी. कथा में श्रीकृष्ण-रूकमणि विवाह प्रसंग में आज मथुरा नगरिया निहाल सखियां, श्याम सुंदर दुल्हा कमाल सखियां.. बधाई गीत शुरु हो गयी. कथा में पारसनाथ प्रसाद, गौतम पांडेय, कृष्णनंदन झा, ऋतु रंजन, राघव पांडेय भी उपस्थित थे. इसके अलावा एक दिन वो भोले भंडारी बनके बृजनारी, गोकूल में आ गये हैं…गीत पर भक्त झूमने लगे. ……………………………………आज नाग व पूतना जैसे राक्षसों से बचने की जरूरतगोकुल में गोवर्द्धन पूजा की शुरुआत कर श्रीकृष्ण ने बढ़ते इंद्र के घमंड को तोड़ा. इंद्र ने पूजा नहीं होता देख गोकूल वासियों पर भयंकर वर्षा व प्राकृतिक आपदा से प्रहार किया. लेकिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाया व गोकूलवासियों को उसके अंदर बुलाकर इंद्र का घमंड तोड़ा. यह प्रसंग गुरुवार को रामबाग झुन्नीलाल साह गली में श्रीमद्भागवत कथा करते हुए कथावाचक राजीव ठाकुर ने कहीं. उन्होंने कहा कि कलयुग में कालिया नाग व पूतना जैसे राक्षसों से बचने की जरुरत है. अगर मनुष्य इन दोनो से अपने आप को सुरक्षा दे दे तो उसका जीवन सुखमय हो जाएगा. श्री ठाकुर ने कहा कि आज धन कमाने के लिए लोग हर हद पार कर जाते है. जिससे मानवता पर खतरा मंडराने लगती है. कथा में भजन मंडली ने श्रीकृष्ण के कई भजन प्रस्तुत कर सभी को मोहित कर दिया. कथा में गोवर्द्धन पर्वत की झांकी की भी प्रस्तुति की गयी. जिसे देख श्रोता मुग्ध हो गये. कथा में आयुष कुमार, राकेश रंजन चौधरी, कार्तिकेय कुमार, आचार्य विकास बाबा, शंकर प्रसाद गुप्ता, यजमान पुरुषोत्तम कुमार सहित कई लोग मौजूद थे…………………………………………….रामयुग की स्थापना के लिए अहंकार का वध जरूरीसंगीतमय रामचरित मानस पाठ में श्रोता गुरूवार को भी मुग्ग्ध रहे. सीताराम धुन से पूरा वातावरण पावन हो गया. पुरानी बाजार शुक्ल रोड में चल रहे रामचरित मानस पाठ के सातवें दिन गुरूवार को व्यासपीठ पर बैठे कथावाचक महंथ रामसुमिरन दास महाराज ने कहा कि रावन रुपी अहंकार का वध कर ही रामयुग की स्थापना की जा सकती है. उन्होंने कहा कि रावण एक बड़ा विद्वान होते हुए अहंकार के कारण उसकी बुद्धि भ्रमित हो गयी. जिससे उसका अंत हुआ. उन्होंने समुद्र पर सेतु निर्माण, लंका पर चढ़ाई, लक्ष्मण का मुर्छित होना, हनुमान द्वारा संजीवनी बुटी के पर्वत उठाकार लाना अदि प्रसंगो का विस्तार से वर्णन किया. उन्होंने कहा कि जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण मुर्छित हो गये, तब हनुमान ने अपनी भक्ति दिखाते हुए संजीवनी बूटी का पर्वत ही लेकर चले आए. उन्होंने कहा कि भक्ति में बड़ी शक्ति होती है. मौके पर आयोजक सुनील शर्मा, विश्वनाथ शर्मा, वंदना शर्मा, उमा देवी शर्मा, विशंभर शर्मा, राजकुमार शर्मा भी उपस्थित थे.

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