मुजफ्फरपुर: समाहरणालय सभागार में डीएम धर्मेन्द्र सिंह स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में रैंकिंग सुधार का टास्क दिया गया. एसीएमओ के रवैये से खफा डीएम ने कहा, अस्पताल छोड़ एसीएमओ के गायब रहने की सूचना मिली है. वे निजी प्रैक्टिस करते हैं. लेकिन सब कुछ जानते हुए सीएस उन्हें बचा रहीं हैं.
हमेशा मुख्यालय से वे बाहर रहते हैं. इनके बारे में प्रधान सचिव को अवगत कराया जायेगा. डीएम बुधवार को समीक्षा के दौरान तल्ख थे. डीएम ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व संबंधित चिकित्सा संस्थानों से प्रत्येक माह की पांच तारीख तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. मौजूद सिविल सर्जन को महिला स्वास्थ्य में सुधार का निर्देश दिया.
जब एसीएमओ की खोज की तो सीएस ने कहा वे मुख्यालय से बाहर हैं. इस पर डीएम ने कहा, वे लगातार मुख्यालय से बाहर रहते हैं. निजी प्रैक्टिस करते हैं. लोगों से सूचना मिलने पर लगातार सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी गई. इसके बावजूद भी प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसा करना उन्हें संरक्षण देना है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को विभागीय कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट भेजने का आदेश सीएस को दिया गया. सीएस ने डीएम से कहा, गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व तीन-तीन माह पर तीन बार हेल्थ चेक-अप किया जाना है, इसके लिए आशा गर्भवती महिलाओं को सूची बनाती हैं. एएनएम पंजीकरण करती हैं. प्रथम त्रैमासिक के जांच प्रतिशत को भी बढ़ाने का निर्देश दिया. सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों को हीमोग्लोबीन जांच व ब्लड प्रेशर जांच की मशीन उपलब्ध कराने को कहा.
संस्थागत प्रसव को 40 से 50 फीसदी तक ले जाने का निर्देश दिया. सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव करवाने आए मरीज को सिजेरियन/ ऑपरेशन के लिए कोई बिचौलिया निजी नर्सिंग होम में लेते हैं तो उस पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिकी दर्ज करायेंगे. सरकारी अस्पताल में संस्थागत प्रसव सुविधाएं हैं आशा व एएनएम से इसका प्रचार-प्रसार कराएं. सकरा रेफरल अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है.
यहां ब्लड बैंक की स्थापना का निर्देश सीएस को दिया. मातृत्व मृत्यु की कारणों की जांच कराकर इसमें कमी लायें. प्रसव पूर्व व प्रसव बाद 28 दिनों के अंतर्गत मरने वाले बच्चों के मौत के कारणों का पता लगायें. इनमें कमी लायें. वर्तमान में टीकारण में 10 प्रतिशत बढ़ाने व परिवार नियोजन का प्रतिशत 17 से 25 करने का टास्क दिया. आईयूडी स्थापित करने के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्तर पर काउंसेलिंग कराने का निदेश दिया. ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ाने के लिए आशा को प्रोत्साहन राशि को नियमित करने और एंबुलेंस के लॉग बुक की जांच का निर्देश दिया. उन्होंने चिकित्सा केंद्रों की रात्रि में निरीक्षण करने हेतु बिंदुवार चेक लिस्ट उपलब्ध कराने का निदेश सीएस को दिया. जिला स्तर से एसडीओ, डीडीसी और डीएम रात्रि में चिकित्सा केंद्रों का निरीक्षण कर हाल जाने सकें.