डिप्टी मेयर के पत्र मिलने के 24 घंटे बाद तक नगर आयुक्त की ओर से कोई जवाब नहीं दिये जाने पर डिप्टी मेयर ने उन्हें स्मार पत्र भेजा है. इसमें अखबारों में सार्वजनिक तौर पर डिप्टी मेयर को वाहन व चालक देने का प्रावधान नहीं है का दिये गये बयान का कड़ी निंंदा की है.
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नगर निगम में लेटर वार, डिप्टी मेयर-नगर आयुक्त में ठनी
मुजफ्फरपुर: नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन पर डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन की हत्या का साजिश रचने का लगे आरोप के बाद विवाद गहरा गया है. अब नगर आयुक्त व डिप्टी मेयर खुल कर आमने-सामने हो गये हैं. मंगलवार को भी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा. डिप्टी मेयर के पत्र मिलने के 24 […]
मुजफ्फरपुर: नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन पर डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन की हत्या का साजिश रचने का लगे आरोप के बाद विवाद गहरा गया है. अब नगर आयुक्त व डिप्टी मेयर खुल कर आमने-सामने हो गये हैं. मंगलवार को भी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा.
डिप्टी मेयर ने कहा कि यह उनका गैर जिम्मेदराना बयान है. इससे नगर निगम की छवि व उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. डिप्टी मेयर को गाड़ी समेत निगम से मिलने वाली हर तरह की सुविधा का प्रावधान हाइकोर्ट से 16 नवंबर 2011 को पारित सीडब्ल्यूजेसी संख्या 5586/2010 के तहत प्रदान किया गया है. बावजूद नगर आयुक्त सार्वजनिक तौर पर गैर-जिम्मेदराना बयान दे हैं. इससे प्रतीत होता है कि वे किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर मेरे खिलाफ लगातार साजिश रच रहे हैं, जो किसी प्रशासनिक अधिकारी के लिए सही नहीं है. डिप्टी मेयर ने पत्र में लिखा है कि वे सार्वजनिक तौर पर इस तरह का बयान देने को लेकर बातचीत करने के लिए नगर आयुक्त को तीन-तीन बार सरकारी व निजी मोबाइल पर कॉल भी किया, लेकिन वे कॉल रिसीव नहीं किया.
प्रताड़ित व असुरक्षित महसूस कर रहे हैं नगर आयुक्त
इधर, नगर आयुक्त ने भी डिप्टी मेयर के खिलाफ डीएम, कमिश्नर समेत पुलिस के वरीय अधिकारियों से पत्र लिख शिकायत की है. इसमें नगर आयुक्त ने डिप्टी मेयर से खुद की जान-माल की खतरा की आशंका जाहिर की है. लिखा है कि उन्हें एक साजिश के तहत जानबूझकर तंग-तबाह व मानसिक रूप से प्रताड़ति करने का काम किया जा रहा है. इस कारण वे नगर निगम के विकास व प्रशासनिक कार्य करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं. प्रशासन व पुलिस के वरीय अधिकारियों से शिकायत करने के साथ नगर आयुक्त ने मेयर को भी इसकी प्रति दिया है. हालांकि, मेयर वर्षा सिंह का कहना है कि उन्हें बंद लिफाफा में एक पत्र मिला है.
मुझे स्टैंडिंग बोर्ड व हाइकोर्ट से वाहन व चालक उपलब्ध कराने का आदेश दिया जा चुका है. निगम का सरकारी वाहन सही नहीं होने की परिस्थिति में तत्कालीन नगर आयुक्त ने निजी गाड़ी पर ही तेल के साथ ड्राइवर उपलब्ध कराने का पत्र जारी कर चुके हैं.
सैयद माजिद हुसैन, डिप्टी मेयर
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