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नवंबर में अपने शहर की हवा थी दिल्ली से जहरीली

मुजफ्फरपुर: अपने शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल में ग्रीनपीस इंडिया की ओर से जारी किये गये आकड़ों में अपना शहर दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा प्रदूषित बताया गया है. ये प्रदूषण यहां की हवा में है. प्रदूषण का ये आकड़ा इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच का है. […]

मुजफ्फरपुर: अपने शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल में ग्रीनपीस इंडिया की ओर से जारी किये गये आकड़ों में अपना शहर दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा प्रदूषित बताया गया है. ये प्रदूषण यहां की हवा में है. प्रदूषण का ये आकड़ा इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच का है. इसमें नवंबर में मुजफ्फरपुर में दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया है.

इस दौरान मुजफ्फरपुर पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) 250 से ज्यादा था, जबकि दिल्ली का पीएम 2.5 का स्तर 250 था. हालांकि इस दौरान पटना, लखनऊ व अहमदाबाद का प्रदूषण स्तर मुजफ्फरपुर से ज्यादा था. प्रदूषण की स्थिति पर जानकारी ग्रीनपीस इंडिया की सूचना विशेषज्ञ मधूलिका वर्मा ने दी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर किन वजहों से इनता बढ़ा है, इसकी कई वजहें हो सकती हैं. इसमें हवा में धूल कण, वाहनों से निकलनेवाला धुंआ व थर्मल प्लांट से निकलनेवाली कोयले की राख हो सकती है. इसकी और वजहें हो सकती हैं. अभी इस पर ज्यादा अध्ययन नहीं हुआ है. बिहार जैसे राज्य में अभी तक सीएनजी भी नहीं आयी है. यहां ऑटो से लेकर कार या जो गाड़ियां चल रही हैं, वो पेट्रोल या डीजल से ही चलती हैं. ऐसे में प्रदूषण और भी बढ़ता है.

मानक से ज्यादा रहा प्रदूषण. मुजफ्फरपुर में अप्रैल से नवंबर के बीच 55 दिन प्रदूषण का स्तर जांचा गया. इसमें हर दिन इसका स्तर तय मानक सेज्यादा पाया गया, जबकि पटना में ऐसा नहीं था. वहां कभी-कभी प्रदूषण का स्तर तय मानक से कम रहा है. ऐसे ही बेंगलुरु व हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में इसका स्तर दिनों के हिसाब से अलग-अलग रहा है.
हर शहर में अलग वजह. हवा में प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है. इसकी हर शहर में अलग वजह होती है. इसका अध्ययन होने के बाद ही इसे रोकने की दिशा में काम किया जा सकता है. हाल में आइआइटी रुड़की के छात्रों ने दिल्ली में अध्ययन किया था, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी इलाके में प्रदूषण के तीस फीसदी वजह धूल कण हैं. ऐसे में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर काबू पाना है, तो धूल कणों के निबटने के उपाय करने होंगे.
बचाव के लिए उठाने होंगे कदम
मधुलिका कहती हैं कि प्रदूषण पर तत्काल काबू पाने की कोई तरकीब नहीं है, लेकिन इसकी लगातार जांच होती रहनी चाहिये. इसमें जिस दिन प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो, उस दिन स्कूल आदि में छुट्टी कर दी जानी चाहिये. हालांकि ये भी कोई हल नहीं है, लेकिन एक कदम है. उन्होंने बताया कि हरियाणा व दिल्ली में नो कार डे मनाया जा रहा है. यह भी किया जा सकता है.

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