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भारत-नेपाल सीमा पर 500 से अधिक पिलर टूटे

मुजफ्फरपुर: विगत कुछ दिनों से आंतकवादी गतिविधियों को लेकर टीम स्पेशल काम कर रही है. इनमें तस्करी, नरकोटिक्स, अफीम, गांजा, नकली नोटों के कारोबार मानव तस्करी शामिल हैं. इसके अलावा मौजूदा समय में तीन सेक्टर की जिम्मेदारी मिली है. इनमें मुजफ्फरपुर, बेतिया और एंटी नक्सल अभियान शामिल है. टीम के जवान इस दिशा में बेहतर […]

मुजफ्फरपुर: विगत कुछ दिनों से आंतकवादी गतिविधियों को लेकर टीम स्पेशल काम कर रही है. इनमें तस्करी, नरकोटिक्स, अफीम, गांजा, नकली नोटों के कारोबार मानव तस्करी शामिल हैं. इसके अलावा मौजूदा समय में तीन सेक्टर की जिम्मेदारी मिली है. इनमें मुजफ्फरपुर, बेतिया और एंटी नक्सल अभियान शामिल है. टीम के जवान इस दिशा में बेहतर कार्य भी कर रहे है. यह बातें एसएसबी के डीआइजी संजय कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कही. नेपाल के मधेशी आंदोलन की चर्चा पर कहा कि नेपाल का यह आंतरिक मामला है.

मधेशी आंदोलन नेपाल में कर रहे है. हम अपने बार्डर को सुरक्षित कर रहे है. इसके लिए बार्डर पर अतिरिक्त फोर्स लगाया गया है. डीआइजी संजय कुमार ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर करीब 400 से 500 पिलर टूट गए है. यह संख्या केवल हमारे रेंज की है. इसकी वजह से बार्डर पर सीमा को लेकर विवाद होता रहता है. सुस्ता बार्डर पर इसकी वजह से कई बार मामला बिगड़ा है. क्योंकि सुस्ता बार्डर पर नदी का कोर चेंज होता है, तो विवाद शुरू हो जाता है, लेकिन इस पर नेपाल और भारत की हाईलेवल की स्पेशल टीम काम कर रही है. जल्द ही सीमा पर लगे पिलरों को ठीक कराते हुए टूटे हुए पिलरों का मरम्मत भी कराया जाएगा. इस दिशा में नेपाल के अधिकारियों से वार्ता भी की जा चुकी है. पिलर के निर्धारण के बाद बार्डर की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.
बार्डर से हो रही मानव तस्करी
डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि नेपाल में भूकंप आने के बाद सीमा पर मानव तस्करी का काम शुरू हो गया है. इसके लिए स्पेशल टीम को सीमा पर लगाया गया है. क्योंकि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के कई मामले बीच में आएं थे. इसकी वजह से जवानों को और भी अलर्ट कर दिया गया है.
बांग्लादेश से आ रहे जाली नोट
डीआइजी संजय कुमार ने बताया कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग बांग्लादेश से जाली नोटों का कारोबार कर रहे है. बांग्लादेश के जरिये नकली नोटों को सौदागार नेपाल में भी पहुंचा रहे है. छोटे-छोटे अपराधी इस मामले में अब तक पकड़े गए है, लेकिन टीम सरगना को पकड़ने के लिए काम कर रही है. इसके लिए स्पेशल टीम को लगाया भी गया है.
संदिग्धों के मांगे गए हैं फोटोग्राफ
डीआइजी संजय कुमार ने बताया कि टाइगर रिर्जव में तस्करी रोकने के लिए जवानों का पूरा साथ वन विभाग के साथ है. इस दिशा में वन विभाग के अधिकारियों से पिछले दिनों वार्ता की गई थी. इसमें उन्हें यह जानकारी दी गई थी कि जब भी पेट्रोलिंग के लिए जवानों की जरूरत हो, तो वह हमसे संपर्क कर सकते है. उनकी पूरी मदद की जाएगी. वन विभाग से पशु तस्करों से सहित वन माफियाओं के संदिग्धों के फोटो ग्राफ मांगें गए है, जिससे की उन पर नजर रखते हुए गिरफ्तार किया जायें.

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