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दुष्कर्मी को नाबालिग का फायदा देना न्याय नहीं

दुष्कर्मी को नाबालिग का फायदा देना न्याय नहींफोटोनिर्भया कांंड के आरोपी के छोड़े जाने को लोगों ने ठहराया गलतमहिलाओं ने कहा फिर से विचार करें कोर्ट, पीड़िता को मिले न्यायवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. निर्भया कांड के दुष्कर्मी की आज रिहाई हो जायेगी. दिल्ली हाईकोर्ट से रिहाई पर रोक से इनकार के बाद लोगों में मायूसी है. […]

दुष्कर्मी को नाबालिग का फायदा देना न्याय नहींफोटोनिर्भया कांंड के आरोपी के छोड़े जाने को लोगों ने ठहराया गलतमहिलाओं ने कहा फिर से विचार करें कोर्ट, पीड़िता को मिले न्यायवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. निर्भया कांड के दुष्कर्मी की आज रिहाई हो जायेगी. दिल्ली हाईकोर्ट से रिहाई पर रोक से इनकार के बाद लोगों में मायूसी है. निर्भया के साथ न्याय की उम्मीद करने वालों को इस फैसले से निराशा हुई है. लोगों का कहना है कि दोषी ठहराये जाने के वक्त नाबालिग रहने वाला शख्स बालिग हो चुका है. इतने वीभत्स अपराध के लिए उसे दोष मुक्त नहीं किया जा सकता. यहां प्रस्तुत है शहर की कुछ महिलाओं से बातचीत.निशी वर्मा : यह बहुत गलत हुआ है. सुप्रीम कोर्ट को इसमें पहल करनी चाहिए. ये महिलओं की अस्मिता का मामला है. दुष्कर्मी की रिहाई नहीं होनी चाहिए. ऐसे तो जुर्म करने वाले और निडर हो जायेंगे. पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए.मीतू सिंह : निर्भया हार गयी है. यह बहुत कष्ट देने लायक निर्णय है. ऐसे दुष्कर्मी को इतनी कम सजा नहीं होनी चाहिए. नाबालिग पहले था अब तो बालिग हो गया है. न्याय व्यवस्स्था उसे बालिग मान कर अपना निर्णय दे. निर्भया को पूरा न्याय मिले. तभी देश की महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा. कंचन मोजासिया : दिल्ली हाईकोर्ट का निर्णय देख आश्चर्य हुआ है. हमारे देश की न्याय व्यवस्स्था ऐसी क्यों है. इतने लंबे अंतराल के बाद भी पीड़िता को न्याय नहीं मिला. यह ठीक नहीं है. कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. दुष्कर्मी को हर हाल में सजा मिले. तभी हम बेहतर न्याय की उम्मीद कर पायेंगे.डॉ अनीता कुमारी : निर्भया की मां ने ठीक कहा है कि जुर्म जीत गया. ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा बेमानी है. हमारी न्याय व्यवस्स्था में बदलाव जरूरी है. तभी हम समाज में महिलाओं की सुरक्षा की बात कर सकते हैं. दुष्कर्मी ऐसे ही छूटते रहे तो देश में महिलाओं का सम्मान नहीं हो पायेगा.नीतू कुमारी : महिलाओं की सुरक्षा अहम है. न्याय प्रणाली में उच्च पदों पर बैठे लोगों को सोचना होगा कि ऐसी व्यवस्स्था से महिलाओं की रक्षा हो सकती है. संविधान में बदलाव की जरूरत हो तो बदलाव करें, लेकिन ऐसी न्याय प्रणाली नहीं हो. निर्भया के परिवार को न्याय मिलना ही चाहिए. शुभांगी सिंह : निर्भया कांड से देश शर्मसार हुआ था. उम्मीद थी कि पीड़िता को पूरा न्याय मिलेगा. लेकिन हुआ क्या. हाईकोर्ट ने रिहाई की बात कह दी.यह कैसा न्याय है. दुष्कर्मी अब बालिग हो चुका है. उसके साथ नाबालिग की तरह का व्यवहार क्यों. न्याय व्यवस्था को इस पर फिर से विचार करना चाहिए.

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