मुजफ्फरपुर : सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद मची उथल–पुथल के बीच मंगलवार को यह मामला कोर्ट में पहुंच गया. अधिवक्ता सुधीर ओझा ने सीजेएम एसपी सिंह की अदालत में एक मामला दर्ज कराया है.
इसमें प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, खेल मंत्री जितेंद्र सिंह, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर व भारत रत्न पुरस्कार चयन समिति के सदस्यों को आरोपित बनाया है.
सभी पर जाली व फर्जी तरीके से धोखाधड़ी कर तेंदुलकर को इतने बड़े सम्मान के लिए चयन करने का आरोप लगाया गया है. इससे करोड़ों लोगों के सम्मान को ठेस पहुंचा है.
उनका तर्क है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, कपरूरी ठाकुर व राम मनोहर लोहिया जनता की सेवा में अपनी जिंदगी लगा दी, लेकिन इन आरोपियों ने साजिश के तहत उन्हें भारत रत्न देने की कोशिश भी नहीं की.
यह जनता व लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. केस भारतीय दंड विधान की धारा 420, 417, 419, 504 व 20बी के तहत दर्ज किया गया है. कोर्ट ने ग्रहण के बिंदु पर आदेश के लिये दस दिसंबर का तिथि निर्धारित की है.
मुझसे गवाही के लिए सहमति नहीं ली गयी और ना ही मैंने कोई सहमति दी है. मुङो इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. मैं राजनीतिक लोग हूं. मुङो केस–मुकदमा से कोई मतलब नहीं है.
शिवानंद तिवारी, सांसद राज्यसभा