मुजफ्फरपुर: उत्तर रक्षा गृह की पीड़िता गुड़िया (काल्पनिक नाम) गर्भवती नहीं है. उसकी उम्र 16-17 वर्ष के बीच है, यानी वह नाबालिग है. मेडिकल रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष संजय भाई व अधिवक्ता सह सदस्य मो सफदर अली के नेतृत्व में टीम ने डीएम अनुपम कुमार से भेंट की. डीएम ने मेडिकल रिपोर्ट के बारे में टीम के सदस्यों को बताया.
उन्होंने इसका खुलासा किया कि गुड़िया गर्भवती नहीं है. टीम के सदस्यों ने डीएम से मांग की कि उनकी रिपोर्ट के अनुसार एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई हो. डीएम ने पूरा सहयोग करने को कहा.
अध्यक्ष संजय भाई व मो सफदर ने बताया कि पीड़िता नाबालिग है यह रिपोर्ट में सामने आ चुका है. गुड़िया ने जो बयान दिया है उसके आलोक में दरभंगा चाइल्ड लाइन के महावीर, जीरोमाइल निवासी इंद्रजीत, होमगार्ड जवान कमल सिंह, उत्तर रक्षा गृह की सरिता पर आरोप लगाया गया है. इसके आधार पर सीडब्ल्यूसी की ओर से सामाजिक सुरक्षा कोषांग को एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा गया था. डीएम से मिलने गयी टीम में संगीता कुमारी, वंदना शर्मा व पुनीता कुमारी भी शामिल थीं.
सदर अस्पताल के इमरजेंसी में हुई जांच : सोमवार की शाम पीड़ित लड़की गुड़िया की तबीयत ठीक नहीं होने की बात कही गई. इसके बाद चाइल्ड लाइन के समन्वयक उदय शंकर शर्मा ने इसकी सूचना सीडब्ल्यूसी व सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक एसएन त्रिपाठी को दी.
देर शाम उल्टी की शिकायत पर उसे सदर अस्पताल लाया गया. उसकी इमरजेंसी में जांच करवायी गयी. उसकी सुरक्षा में दो महिला सिपाहियों की तैनाती भी की गयी है.इधर, चाइल्ड होम में ज्यादा दिन गुड़िया को नहीं रखने की बात सामने आयी है.
सहायक निदेशक ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों से उसे बालिका गृह में
रखने की बात कही है. इस पर सीडब्ल्यूसी ने बालिका गृह की
व्यवस्था जांच करने को कहा है. जांच के बाद ही गुड़िया को बालिका गृह में रखा जायेगा. इस बात की भी जांच की रही है कि नाबालिग होते हुए भी गुड़िया को किसके निर्देश पर उत्तर रक्षा गृह में डेढ़ साल तक रखा गया था, जबकि रक्षा गृह में बालिग लड़कियों को ही रखना है.