साहबों के आदेश के बाद भी वरदी पहनने को तैयार नहीं -एसपी ऑफिस के कर्मचारियों को भी वरदी पहनना अनिवार्य – जेब में फंसा वॉयरलेस सेट अपनी हकीकत खुद बयां करती हैसंवाददाता, मुजफ्फरपुरएसएसपी से लेकर डीएसपी तक ड्यूटी के दौरान वरदी में नजर आते है. लेकिन उनके अधीन पुलिस पदाधिकारी वरदी पहने को अपने शान के खिलाफ समझते है. कुछ पुलिसकर्मी वरदी नहीं पहने का कारण छापेमारी करना बताते है. जबकि नगर डीएसपी आशीष आनंद कहते है कि छापेमारी के दौरान वरदी पहनना अनिवार्य है. क्योंकि पुलिस को लोग उसकी वरदी से पहचानते है. छापेमारी के दौरान लोग विरोध न करे इसमें वरदी अधिक काम करता है. उन्होंने कहा कि छापेमारी के नाम पर सादी वरदी में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को वरदी पहनने की कई बार हिदायत दी गयी है. इधर लगभग सभी थानों में बिना वरदी पहनने की चाह पुलिसकर्मियों में खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. ऐसा नहीं है कि थाना प्रभारी उन्हें फटकार नहीं लगाते. इसके बाद भी ये पुलिसकर्मी वर्दी पहनने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में ये वरीय पुलिस अधिकारी का आदेश भी अब हवा होते हुए दिखायी दे रहे हैं. बिना वरदी के थानों में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की मॉनीटरिंग अच्छे तरीके से नहीं हो पा रही है. जिसका फायदा उठाकर यह पुलिसकर्मी अपने मनमाने तरीके से नौकरी कर रहे हैं. ऐसा होने से जहां थानों की व्यवस्था गड़बड़ा रही है, तो वहीं मुखिया के आदेशों का माखौल भी खुलेआम उड़ रहा है.एसपी ऑफिस के कर्मचारियों को भी वरदी पहनना अनिवार्यएसपी ऑफिस में बाबूगिरी करने वाले कर्मचारियों के लिए भी वरदी पहनना अनिवार्य है. इसके बावजूद भी वरदी नहीं पहन रहे हैं. आला अफसरों के फरमान के बाद कुछ कर्मचारी वरदी में आने लगे हैं थे. लेकिन अभी भी कई पुलिसकर्मी वरदी नहीं पहन रहे हैं. बताया जाता है कि क्राइम मीटिंग के दिन वरदी पहनना जरूरी है. बावजूद इसका पालन पुलिसकर्मी नहीं करते है.खुद शर्ट पैंट में, वरदी घर परथाने में पदस्थ पुलिसकर्मी जब ड्यूटी पर तैनात होते हैं तो जेब में पीछले हिस्से में फंसा वॉयरलेस सेट अपनी हकीकत खुद बयां कर देती है. उनकी वरदी घर पर रखी हुई है. इसके बावजूद भी वे सादे वरदी में ड्यूटी करते हैं. जबकि बिना ड्रेस के थाने में ड्यूटी पर बैठने का आदेश नहीं हैं. इसके बावजूद वह थाने में बैठकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. साथ ही थाने में मामले की फरियाद लेकर आए लोगों से बातचीत भी करते नजर आते हैं.शपथ मैं. शपथ लेता हूं/लेती हूं कि भारत के संविधान तथा कानून द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति पूर्ण विश्वास व निष्ठा का परिचय दूंगा/दूंगी. तदनुसार एक पुलिस अधिकारी के रूप में प्रदत्त कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करूंगा./करूंगी. मैं एक लोक सेवक की हैसियत से नागरिकों के प्रति सदव्यवहार, उनके जीवन व संपत्ति की सुरक्षा के प्रति समर्पित भाव से कार्य करूंगा.
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साहबों के आदेश के बाद भी वरदी पहनने को तैयार नहीं
साहबों के आदेश के बाद भी वरदी पहनने को तैयार नहीं -एसपी ऑफिस के कर्मचारियों को भी वरदी पहनना अनिवार्य – जेब में फंसा वॉयरलेस सेट अपनी हकीकत खुद बयां करती हैसंवाददाता, मुजफ्फरपुरएसएसपी से लेकर डीएसपी तक ड्यूटी के दौरान वरदी में नजर आते है. लेकिन उनके अधीन पुलिस पदाधिकारी वरदी पहने को अपने शान […]
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