मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि को बारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत यूजीसी से 1.86 करोड़ रुपये मिले थे. लंबे विवाद के बाद विवि प्रशसान ने यह राशि सभी पीजी विभागों को सौंप दी व उसे खर्च कर उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.
ढाई माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कुछ विभागों को छोड़ कर अधिकांश ने अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र विवि को उपलब्ध नहीं करायी है. इसे गंभीरता से लेते हुए विवि प्रशासन ने विभागाध्यक्षों से उपलब्ध करायी गयी राशि का हिसाब मांगने का फैसला लिया है.
इस संबंध में जल्द ही उन्हें पत्र लिखा जायेगा. यह जानकारी विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा ने दी. विदित हो कि विवि में बारहवीं पंचवर्षीय योजना की राशि के खर्च के अधिकार को लेकर काफी विवाद हुआ था. योजना एवं मूल्यांकन समिति ने पहले इस राशि को खर्च करने की जिम्मेवारी तत्कालीन कुलपति डॉ कुमारेश प्रसाद को सौंप दी थी. इसका विभागाध्यक्षों ने काफी विरोध किया. विवि की ओर से भेजे गये बार-बार निर्देश के बावजूद अधिकांश विभागाध्यक्षों ने आवश्यक समानों की सूची देने से इनकार कर दिया. इसको लेकर काफी दिनों तक विवाद चलता रहा.
डॉ रवि वर्मा के कुलपति बनने के बाद इस राशि को खर्च करने का अधिकार विभागों को सौंपने का निर्णय लिया गया. निर्णय के आलोक में अगस्त माह में सभी विभागों को उनके हिस्से की राशि उपलब्ध करा दी गयी थी.