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जुलाई-अगस्त में किया आवेदन, नहीं मिला डीजल अनुदान

जुलाई-अगस्त में किया आवेदन, नहीं मिला डीजल अनुदान प्रखंडों से 1,29,698 किसानों ने दिया था आवेदन 74033 किसानों को डीजल अनुदान के लिए दिया प्रखंडों को पैसा अधिकांश किसानों के खाते में नहीं गया पैसा, किसान हलकानवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर किसानों की हालत बैंक की कार्यशैली से बिगड़ रही है. सरकार ने जिन योजनाओं को बैंकों […]

जुलाई-अगस्त में किया आवेदन, नहीं मिला डीजल अनुदान प्रखंडों से 1,29,698 किसानों ने दिया था आवेदन 74033 किसानों को डीजल अनुदान के लिए दिया प्रखंडों को पैसा अधिकांश किसानों के खाते में नहीं गया पैसा, किसान हलकानवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर किसानों की हालत बैंक की कार्यशैली से बिगड़ रही है. सरकार ने जिन योजनाओं को बैंकों से जोड़ आरटीजीएस से भुगतान का नियम बना दिया. उसका लाभ समय पर उपलब्ध नहीं हो रहा है. नये नियम के बाद किसानों की हालत और बिगड़ गयी है. किसानों ने डीजल अनुदान के लिए जुलाई-अगस्त में आवेदन किया था. लेकिन आज तक अधिकांश किसानों को पैसा नहीं मिला है. किसान धान उत्पादन में कर्ज लेकर पटवन कर दिया. लेकिन उनका भुगतान नहीं हो सका है. अब रबी की खेती पर भी संकट छाया हुआ है. किसान उर्वरक व बीज का उपाय भी कर्ज से ही किया है. जिला में सभी प्रखंडों से 1,29,698 आवेदन प्राप्त हुआ था. इनमें से 1,27,695 आवेदन की जांच हुई, प्रखंड के अधिकारियों ने आवेदन सत्यापित कर जिला को सौंप दिया. इसके आधार पर किसानों के आवेदन की राशि 5,83,38376 रुपये डीजल अनुदान का निर्धारित हुआ. लेकिन जब राशि देने की बारी आयी, तो खेल शुरू हो गया. 74033 किसानों को डीजल अनुदान के लिए प्रखंडों को पैसा दिया गया. 107405.9 एकड़ रकबा के लिए राशि दी गयी थी. इसके लिए प्रखंडों को 3,20,72,660 रुपये दिया गया. यह राशि बैंकों को दे दी गयी. लेकिन, अधिकांश किसानों के खाते में डीजल अनुदान का पैसा नहीं गया है. किसानों के डीजल अनुदान के लिए सरकार ने अबतक 667.385 लाख रुपये का आवंटन आपदा प्रबंधन को दे दिया है. इसके बाद भी किसानों के साथ न्याय नहीं हो रहा है. कृषि विभाग में आये बोचहां के हरिश्चंद्र सिंह बताते हैं कि आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान होना है. लेकिन बैंक किसानों की उपेक्षा करता है. किसानों को पैसा नहीं मिल रहा है.कुढ़नी के रमेश सिंह बताते हैं कि बैंक अधिकारियों की उदासीनता से किसान मारे जा रहे हैं. उनके खाते में किसी भी योजना का पैसा ट्रांसफर नहीं हो रहा है.सरैया के राम बली सिंह बताते हैं कि बैंक को ग्राहकों का काम करने से फुरसत नहीं है. किसानों पर कौन ध्यान देगा? कुल मिलाकर किसान मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं. तीन वर्ष से खेती चौपट हो रही है. जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि बैंक वार रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कितने किसानों का भुगतान हो गया है. ऐसे लगातार भुगतान नहीं होने की शिकायतें आ रही है.

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