गेहूं, मक्का, चना और मसूर की तेजी से करें बोआई बोआई से पूर्व बीजों को करें उपचारितखेतों की नमी जांच कर करें बीजों की बोआई आरएयू के वैज्ञानिकों ने दिये खेती के टिप्स वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गेहूं, मक्का, चना और मसूर की तेजी से बोआई करने का समय चल रहा है. बोआई से पूर्व नमी की जांच कर लें. खेत में नमी की कमी हो तो हल्की सिंचाई कर दें. इससे बीजों में अंकुरण अच्छा निकलेगा. बीजों को बाेआई से पहले उपचारित कर लें. यह फसलों की सुरक्षा के लिहाज से अच्छा होगा. राजेंद्र कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ ए सत्तार ने बताया कि गेहूं की बोआई के समय 60 किलो ग्राम नेत्रजन, 60 किलो ग्राम फॉस्फोरस व 40 किलो ग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेतों में डालें. सिंचित व सामान्य समय पर बोआई के लिए पीबीडब्लू- 343, पीबीडब्लू-443, एचडी-2733, एचडी-2824, के-9107,के-307, एचयूडब्लू-206 किस्मों की व्यवस्था करें. बीज को बोआई से पहले बेबीस्टीन के 2़5 ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से उपचारित करें. बीज के अच्छे जमाव के लिए खेत में नमी का होना आवश्यक है.रबी मक्का बुआई के लिए संकर किस्में जैसे- शक्तिमान 1, शक्तिमान 2, शक्तिमान 3, शक्तिमान 4, गंगा 11, राजेंद्र संकर मक्का 1, राजेंद्र संकर मक्का 2 व संकुल किस्में जैसे – देवकी सफेद, लक्ष्मी सफेद, सुआन पीला आदि किस्में इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित हैं. 50 किलो ग्राम नेत्रजन, 75 किलो ग्राम फॉस्फोरस व 50 किलो ग्राम पोटाश, जिंक सल्फेट 25 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर व कंपोस्ट 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना सही होगा. चना की बोआई के लिए उन्नत किस्म पूसा-256, केपीजी-59 (उदय), केडब्लूआर-108, पूसा 372 बेहतर हैं. बोआई से पूर्व बीज को बेबीस्टीन 2़5 ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से उपचारित करें. कजरा पिल्लू से बचाव के लिए क्लोरपाईरीफॉस आठ मिली प्रति किलो ग्राम की दर से 24 घंटा बाद बीज में मिलावें. 24 घंटे छाया में रखने के बाद राईजोबीयम कल्चर पांच पैकेट प्रति हेक्टेयर की दर से उपचारित करें. बोआई के समय 20 किलो ग्राम नेत्रजन, 45 किलो ग्राम फॉस्फोरस, 20 किलो ग्राम पोटाश व 20 किलो ग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें. बीज की दर प्रति हेक्टेयर 75-80 किलो ग्राम रखें.आलू रोप के लिए कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी बादशाह, कुफरी लालीमा, कुफरी ज्योति व राजेंद्र आलू-2 आदि अनुशंसित हैं. रोपनी के पहले आलू के कंद को बैबीस्टीन 0़ 01 प्रतिशत (1 से 1़5 ग्राम प्रति लीटर) घोल में उपचारित कर लें.मसूर की बोआई यथाशीघ्र सपन्न करें. अरुण, पंत एल-406, केएलएस-218, एचयूएल-57 किस्में बेहतर हैं. बीज को उचित राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर बोआई करें. मटर की बोआई संपन्न करने का प्रयास करें.
Advertisement
गेहूं, मक्का, चना और मसूर की तेजी से करें बोआई
गेहूं, मक्का, चना और मसूर की तेजी से करें बोआई बोआई से पूर्व बीजों को करें उपचारितखेतों की नमी जांच कर करें बीजों की बोआई आरएयू के वैज्ञानिकों ने दिये खेती के टिप्स वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गेहूं, मक्का, चना और मसूर की तेजी से बोआई करने का समय चल रहा है. बोआई से पूर्व नमी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement