ऐसे में दोषीकर्मी से स्पष्टीकरण करते हुए प्रपत्र ‘क’ में आरोप गठित कर एक सप्ताह के अंदर इसकी पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं. विभाग द्वारा इन योजनाओं की ऑडिट की समयसीमा 20 जुलाई से 11 अगस्त 2015 तक निर्धारित की गयी थी. इसके तहत कुछ बीडीओ व पीओ ने अंकेक्षण कराया था. लेकिन सभी योजनाओं की शत प्रतिशत ऑडिट नहीं हुई. इसके बाद पटना से विभाग ने ऑडिट रिपोर्ट को लेकर पुन: 22 सितंबर को पत्र जारी किया गया. इसमें 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट भेजने को कहा गया. लेकिन बीडीओ व पीओ के असहयोगात्मक रवैये के कारण रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी.
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विकास योजनाओं की ऑडिट रिपोर्ट दें बीडीओ
मुजफ्फरपुर: डीआरडीए द्वारा संचालित विकास योजना मनरेगा, इंदिरा आवास (सामान्य), इंदिरा आवास (कालाजार), एसइसीसी-2011 व एसजीएसवाई के वित्तीय वर्ष 2014-15 के ऑडिट की रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा ने बीडीओ व पीओ (कार्यक्रम पदाधिकारी) को दोषी ठहराया है. गायघाट, बंदरा, मुरौल, कुढ़नी, मुशहरी व सकरा को छोड़कर तमाम प्रखंड के बीडीओ […]
मुजफ्फरपुर: डीआरडीए द्वारा संचालित विकास योजना मनरेगा, इंदिरा आवास (सामान्य), इंदिरा आवास (कालाजार), एसइसीसी-2011 व एसजीएसवाई के वित्तीय वर्ष 2014-15 के ऑडिट की रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा ने बीडीओ व पीओ (कार्यक्रम पदाधिकारी) को दोषी ठहराया है.
गायघाट, बंदरा, मुरौल, कुढ़नी, मुशहरी व सकरा को छोड़कर तमाम प्रखंड के बीडीओ व पीओ को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह के अंदर ऑडिट रिपोर्ट के साथ स्पष्टीकरण दें. निर्देश में बताया है कि 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट पटना भेजनी थी, लेकिन असहयोग रवैये व ऑडिट नहीं कराने को लेकर निर्धारित समयसीमा में विभाग को रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी. निर्देश में कहा गया है कि मनरेगा योजना में अबतक 115 पंचायतों में ही ऑडिट हुई है जबकि 270 पंचायत में लंबित है, यह गंभीर विषय है. डीडीसी ने निर्देश में कहा है कि वे बताएं कि किस परिस्थिति में ऑडिट नहीं हुई तथा इसके लिए कौन कर्मी दोषी है.
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