मुजफ्फरपुर : शिक्षक नियोजन के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में डीपीओ स्थापना अवनिंद्र कुमार सिन्हा ने जिले के छह बीइओ के खिलाफ सरकार व विजिलेंस को प्रतिवेदन भेजा है. ये बार-बार निर्देश के बावजूद नियोजित शिक्षकों से संबंधित फोल्डर नहीं दे रहे हैं, न ही अन्य सूचनाएं विभाग को उपलब्ध करा रहे हैं. सोमवार को जांच में सहयोग को लेेकर सभी बीइओ की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन हद तो यह है कि न ये उपस्थित हुए और न ही कोई सूचना उपलब्ध कराई.
निगरानी जांच में शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी की आशंका को भी बल दे रही है. एक तरफ जिले के वरीय पदाधिकारियों पर निगरानी में सहयोग के लिए सरकार व राज्य मुख्यालय से दबाव पड़ रहा है, तो दूसरी ओर अन्य जिम्मेदार लोग पूरी तरह बेपरवाह है. सरकार के निर्देश पर नियोजित शिक्षकों का फोल्डर जमा करने के लिए प्रखंडवार शेड्यूल जारी किया गया था. इस दौरान अधिकतर प्रखंडों से सूचना नहीं मिली.
सोमवार को डीपीओ स्थापना ने सभी बीइओ की बैठक विद्या बिहार स्कूल में बुलाई थी, जिसमें विजिलेंस जांच से संबंधित विषयों पर चर्चा होनी थी. हैरान करने वाली बात है कि बैठक में कोई बीइओ नहीं पहुचा. केवल 10 बीइओ ने प्रतिनिधि भेजकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा दी, लेकिन अन्य छह के बारे में कोई सूचना नहीं मिली, न ही उनके यहां से प्रपत्र आ सका. डीपीओ स्थापना अवनिंद्र कुमार सिन्हा ने बताया विजिलेंस को फोल्डर देने के लिए कई बार निर्देश दिए गए, लेकिन लापरवाही बरती जा रही है. वे सरकार व विजिलेंस को उक्त बीइओ के खिलाफ प्रतिवेदन भेज रहे हैं. अन्य प्रखंडों से जो फोल्डर आए हैं, उसे जांच के लिए भिजवा दिया जाएगा.
नियोजन इकाई की भी नहीं दी रिपोर्ट
विभाग से शिक्षक नियोजन से संबंधित सूचना देने के लिए सभी बीइओ को फॉरमेट उपलब्ध कराया गया था. इसके अलावा सभी प्रखंड से मास्टर सूची मांगी गई थी. बीइओ ने कई शिक्षकों के नियोजन से संबंधित जानकारी मिलने में दिक्कत होने की शिकायत की, तो उन्हें संबंधित नियोजन इकाई के अध्यक्ष व सचिव का मोबाइल नंबर देने को कहा गया ताकि विजिलेंस को सूचना दी जा सके. हालांकि यह भी कोई बीइओ उपलब्ध नहीं करा सका.
बहानेबाजी कर रहे बीइओ
नियोजित शिक्षकों से संबंधित सूचना देने से बचने के लिए बीइओ लगातार बहानेबाजी कर रहे हैं. डीपीओ स्थापना ने बताया कि पहले भी तीन बार मीटिंग हो चुकी है, लेकिन अनुपस्थित बीइओ के पास यह बहाना होता था कि सूचना नहीं मिली. सोमवार की बैठक के लिए पत्र व बीआरसी के मेल पर सूचना देने के साथ ही सभी को मोबाइल पर मैसेज व कॉल करके भी सूचना दी गई थी. इसके बाद भी बीइओ की अनुपस्थित लापरवाही व विभागीय कार्य में असहयोग के अलावा कुछ भी नहीं है.