मुजफ्फरपुर. शिक्षक नियोजन में हुए फर्जीवाड़े का राज वेतन निर्धारण में खुल रहा है. वैसे तो केवल पारू प्रखंड के 35 शिक्षकों के टीइटी रिजल्ट पर संदेह जताते हुए बीइओ ने जांच की संस्तुति की है, लेकिन जानकारों का कहना है कि एेसे शिक्षकों की संख्या जिले के अन्य प्रखंडों में भी है. वेतन निर्धारण के लिए प्रखंड स्तर से भेजे गये प्रपत्रों की प्रथम दृष्टया जांच में ही दर्जनों शिक्षकों का वेतन निर्धारण प्रपत्र तैयार नहीं किया गया है.
शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की शिकायत के बाद हाइकोर्ट के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पांच महीने से जांच कर रही है. हालांकि, अभी तक जांच की गति सुस्त ही है. प्रखंड स्तर से नियोजित शिक्षकों की पत्रावली जमा कराने में काफी लापरवाही बरती जा रही है, जिसको लेकर कई बार सरकार ने नाराजगी भी जतायी. बताते हैं विभागीय नियमों की अनदेखी कर बड़ी संख्या में शिक्षकों का नियोजन किया गया है. जांच के लिए नियोजन के समय दिए गए दस्तावेज की मांग की जा रही है, जिसे उपलब्ध कराने में विभाग आनाकानी कर रहा है. इस बीच शिक्षकों को नया वेतनमान देने के लिए सभी दस्तावेज मंगाये गये.
साथ ही बीइओ की रिपोर्ट के साथ मुख्यालय पर जमा कराया जाने लगा, तो नियोजन इकाई और प्रखंड के पदाधिकारियों को पसीना छूटना शुरू हो गया है.