चुनाव के कारण एक माह पीछे हो गयी खेती-किसानी 128700 हेक्टेयर में होगी रबी फसलों की खेती95 हजार हेक्टेयर में होगी गेहूं की खेती21 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती तय12 प्रमंडल व 14 नवंबर को जिले में होगा प्रशिक्षण वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरचुनाव के कारण खेती-किसानी एक माह पीछे चली गयी है. पिछले वर्ष 13 अक्तूबर को डीएओ ने बीज बांटने का निर्देश जारी कर दिया था. खेती से पूर्व कृषि अधिकारियों व कर्मियों को खेती से पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम भी हो गया था, लेकिन इस वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के आदर्श आचार संहिता के कारण खेती की योजनाओं पर कोई काम नहीं हो सका. विस चुनाव का परिणाम रविवार को आयेगा. इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी खेती की योजनाओं के बारे में बात कर सकते हैं. इस वर्ष अभी तक रबी की खेती के लिए अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी नहीं हुआ है. प्रशिक्षण भी चुनाव बाद 12 नवंबर को प्रमंडल स्तरीय व 14 नवंबर को जिला स्तरीय अधिकारियों व कर्मियों का प्रशिक्षण होगा. जबकि पिछले वर्ष सितंबर में ही प्रमंडलीय व जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मियों का प्रशिक्षण हो चुका था. पिछले वर्ष अक्तूबर में बंट गया था बीज बहरहाल, चुनाव के कारण किसानों को स्वी विधि से गेहूं की खेती, जीरो टिलेज से गेहूं की खेती, मक्का व दलहन की अंतवर्ती खेती, मसूर की खेती, अन्य दलहनी फसलों की खेती की योजनाओं पर कोई सुगबुगाहट नहीं है. जबकि पिछले वर्ष एनएफएसएम में अतिरिक्त दलहन क्षेत्र आच्छादन कार्यक्रम के तहत 440 एकड़ में मसूर की खेती, 1106 एकड़ में मसूर खेती का प्रत्यक्षण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत स्वी विधि से 5141 एकड़ में गेहूं की खेती, मक्का व दलहन का अंतवर्ती फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 3705 एकड़ में खेती और राज्य योजना अंतर्गत जीरो टिलेज तकनीक से 13386 एकड़ में गेहूं की खेती के लिए बीज के साथ अन्य सामग्री किसानाें को बांट दी गयी थी. इस वर्ष सब ठप पड़ा हुआ है. इस वर्ष गेहूं से लेकर तीसी तक की होगी खेती कृषि निदेशालय से जिले में रबी फसल लगाने का टारगेट मिला है. जिले में 1,28,700 हेक्टेयर में रबी की खेती होगी. जिले में सबसे अधिक गेहूं लगाने का टारगेट है. दूसरे नंबर पर मक्का की खेती का लक्ष्य है. लक्ष्य तय करने में अमूमन किसी फसल को छोड़ा नहीं गया है. जिले में 95 हजार हेक्टेयर में गेहूं लगाने का लक्ष्य है. 21 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती होगी. राई और सरसों की खेती 65 सौ हेक्टेयर में होना है. दलहन में मसूर को प्राथमिकता दी गई है. दो हजार हेक्टेयर में होनी है. चना को एक हजार हेक्टेयर में जगह दिया गया है. अन्य दलहन को 15 सौ हेक्टेयर में लगाया जायेगा. मटर की खेती आठ सौ हेक्टेयर में होगी. जौ की खेती सौ हेक्टेयर में की जायेगी. तीसी पांच सौ तो सूर्यमुखी तीन सौ हेक्टेयर में होगी. बयान::::::कई कंपनियों ने गेहूं बीज उपलब्ध कराने की जानकारी दी है. इस वर्ष 38 हजार क्विंटल गेहूं बीज वितरण का लक्ष्य है. किसान पूरा पैसा जमा करेंगे. बीज ले जायेंगे. प्रति किलोग्राम अनुदान उनके खाते में जायेगा. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक माह पीछे खेती चल रही है. हालांकि गेहूं अभी पिछात नहीं हुआ है. सुधीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर
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चुनाव के कारण एक माह पीछे हो गयी खेती-किसानी
चुनाव के कारण एक माह पीछे हो गयी खेती-किसानी 128700 हेक्टेयर में होगी रबी फसलों की खेती95 हजार हेक्टेयर में होगी गेहूं की खेती21 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती तय12 प्रमंडल व 14 नवंबर को जिले में होगा प्रशिक्षण वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरचुनाव के कारण खेती-किसानी एक माह पीछे चली गयी है. पिछले वर्ष 13 […]
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