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उत्पाद अधिकारियों को जान का खतरा

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर समेत तिरहुत व सारण प्रमंडल के जिलों के उत्पाद अधिकारियों को जान का खतरा है. डिप्टी कमिश्नर नुनुलाल चौधरी ने बीते गुरुवार को मुख्यालय में हुई बैठक के में इस मामले को जोर-शोर से उठाया. उन्होंने जिले के अधीक्षक, इंस्पेक्टर व दारोगा को शराब माफियाओं व अवैध कारोबार से जुड़े अपराधियों से जान […]

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर समेत तिरहुत व सारण प्रमंडल के जिलों के उत्पाद अधिकारियों को जान का खतरा है. डिप्टी कमिश्नर नुनुलाल चौधरी ने बीते गुरुवार को मुख्यालय में हुई बैठक के में इस मामले को जोर-शोर से उठाया. उन्होंने जिले के अधीक्षक, इंस्पेक्टर व दारोगा को शराब माफियाओं व अवैध कारोबार से जुड़े अपराधियों से जान का खतरा बताया. इसके बाद मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है.

उत्पाद आयुक्त ने इच्छुक अधिकारियों को लाइसेंसी आर्म्स दिलाने का आश्वासन देते हुए सभी अधीक्षक, इंस्पेक्टर व दारोगाओं को कार्य कर रहे जिला व गृह जिला में आवेदन करने को कहा है. विभाग संबंधित जिले के डीएम से बात कर आवेदन के तुरंत बाद लाइसेंस दिलाने के लिए पहल करेगा. प्रक्रिया में छूट भी मिलेगी.

एक साल से लंबित है लाइसेंस
जिले के प्रहार बल में शामिल सकरा अंचल के उत्पाद दारोगा राधेकृष्ण सिंह ने एक साल पूर्व आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. उन्होंने शराब माफियाओं व अपराधियों से अपने व परिवार के जान को खतरा बताया था. बावजूद आज तक उन्हें लाइसेंस निर्गत नहीं हो सका. जबकि, सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं. उनका कहना है कि वे अब तक जिले में दर्जनों बड़े शराब माफियाओं के यहां छापेमारी कर फैक्टरी का भंडाफोड़ कर चुके हैं. उन्हें कई बार उन लोगों की ओर से धमकी मिली. फिर भी आज तक लाइसेंस नहीं मिल सका है.

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