मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में इन दिनों सत्र 2016-17 के बजट निर्माण की प्रक्रिया जारी है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन की लेट-लतीफी के कारण इसमें देरी हो सकती है. दरअसल विवि प्रशासन ने सभी अंगीभूत कॉलेजों को अक्तूबर माह के अंत तक बजट के लिए आवश्यक आंकड़ा उपलब्ध करा देने का निर्देश दिया था. ऐसा नहीं होने पर बजट में कटौती की चेतावनी भी दी गयी थी. लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.
सोमवार की देर शाम तक 39 अंगीभूत कॉलेजों में से किसी ने यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है. प्रस्तावित बजट के साथ ही कॉलेज प्रबंधन को सत्र 2014-15 के आय-व्यय का ब्योरा भी देना है.
राज्य सरकार ने विवि प्रशासन को बजट की कॉपी उपलब्ध कराने के लिए अक्तूबर माह का ही समय दिया था. विवि अधिकारियों का दावा है कि नवंबर माह तक हर हाल में बजट की कॉपी सरकार को भेज दी जायेगी. हालांकि, इसके लिए पहले इसे फाइनेंस कमेटी व सीनेट से भी पास कराना होगा.
लागू होगा पे-फिक्शेसन
सरकार के निर्देशानुसार, जिन कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों का पे-फिक्शेसन हो चुका है, बजट में उसे शामिल करना है. फिलहाल विवि के 39 अंगीभूत में से 23 कॉलेजों के ही कर्मचारियों का पे-फिक्शेसन हुआ है.
यही नहीं, पे-फिक्शेसन को लेकर बीते साल सवाल भी उठे थे. इसके कारण एलएस, आरडीएस सहित कई कॉलेजों में अनुकंपा पर बहाल दर्जनों कर्मचारियों के वेतन में कटौती हो गयी थी. इसका उन लोगों ने काफी विरोध किया था. इसके बाद कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने पे-फिक्शेसन में विसंगतियों को दूर करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था. हालांकि, सूत्रों की मानें तो विवि प्रशासन एक बार फिर बजट में जुलाई माह की सैलरी को आधार बना सकती है.