मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि परीक्षा विभाग व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा को लेकर जारी गतिरोध गुरुवार को खत्म हो गया. कुलपति डॉ रवि वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने निदेशालय के प्रस्ताव को ठुकराते हुए पार्ट वन व पार्ट टू की तरह पार्ट थर्ड के परीक्षा का अधिकार विवि परीक्षा विभाग के पास ही रहने देने पर सहमति जतायी.
यही नहीं निदेशालय के अधिकारियों की ओर से पार्ट थर्ड के अंक पत्र पर अंक की जगह ग्रेड देने की मांग रखी थी. इसे भी सदस्यों ने ठुकराते हुए परीक्षार्थियों का मूल्यांकन पूर्व की भांति अंकों के आधार पर करने का फैसला लिया. वर्ष 2012 सत्र के बाद की परीक्षाएं जो निदेशालय लेगी, उसमें ही परीक्षार्थियों का मूल्यांकन ग्रेड में किया जायेगा व इसमें विवि परीक्षा विभाग की कोई भूमिका नहीं होगी. यही नहीं बोर्ड ने निदेशालय के कई विकास योजनाओं पर भी अपनी मुहर लगायी.
इसमें सत्र 2013-14 में यूजीसी को भेजे जाने वाला 01 करोड़ 67 लाख का प्रस्ताव भी शामिल है. इसमें ऑल लाइन एजुकेशन के लिए 52 लाख, एचआर के लिए 60 लाख, स्टूडेंट सपोर्ट सर्विस के लिए 22 लाख, टेक्नोलॉजी सपोर्ट के लिए 15 लाख, वोकेशनल एजुकेशन के लिए 6 लाख व रिसर्च व डेवलपमेंट के लिए 5 लाख का प्रस्ताव शामिल है.
कर्मचारी सेवा शर्त पर नहीं बनी सहमति
निदेशालय के कर्मचारियों को बीआरए बिहार विवि के कर्मचारियों के आधार पर सेवा शर्त का लाभ दिये जाने के मसले पर बोर्ड में सहमति नहीं बन पायी. निदेशालय की ओर से इसके लिए पटना विवि के सेवा शर्त से संबंधित संचिकाएं पेश की गयी, पर बोर्ड ने इसे मानने से पूर्व इसकी जांच कराने का निर्णय लिया है. यह जिम्मेदारी पांच सदस्यीय कमेटी निभायेगी. वित्त परामर्शी इसके अध्यक्ष व वित्त पदाधिकारी इसके समन्वयक होंगे. निदेशालय ने 16 स्टडी सेंटरों के निरीक्षण सहित अन्य कार्यो के लिए चार पहिया वाहन खरीदने की अनुमति मांगी, जिसे बोर्ड ने अस्वीकार कर दिया.
बैठक में कुलपति के अलावा सदस्य सचिव सह निदेशालय के निदेशक डॉ गणोश कुमार, वित्त परामर्शी जीसीएल श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, वाणिज्य विभाग के प्रो अमोद प्रसाद, इग्नू के समन्वयक डॉ शिवजी सिंह, निदेशालय के प्रशासनिक अधिकारी ललन कुमार शामिल हुए. वहीं बैठक में वित्त पदाधिकारी जेपीएन सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह, पूर्व विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा व ई एपी ओझा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुए.