वेतन निर्धारण में खुल सकती है नियोजन की पोल शिक्षकों का मामला-शिक्षकों को देनी है सेवा पुस्तिका सहित सभी पत्रावली -निगरानी टीम को भी नहीं मिल सके हैं सभी के कागजात -विद्यालय स्तर पर चल रही आनाकानी से मामला उलझा संवाददाता, मुजफ्फरपुर शिक्षकों के वेतन निर्धारण के बहाने नियोजन की पोल भी खुल सकती है. विभाग ने नया वेतनमान तैयार करने के लिए सभी शिक्षकों से सेवा पुस्तिका के साथ ही वे सारे दस्तावेज मांगे हैं, जो नियोजन के दौरान दिये गये थे. विभाग के इसी पेच के चलते निर्धारण की प्रक्रिया उलझी हुई है. वैसे कई महीनों से शिक्षक नियोजन की जांच कर रही निगरानी ब्यूरो को भी आज तक सैकड़ों शिक्षकों के सभी दस्तावेज नहीं मिल सके हैं. वेतन निर्धारण में विभागीय स्तर से लगायी गयी पेच ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. अभी तक निगरानी जांच के चलते अफरा-तफरी की स्थिति थी. उससे तो जैसे-तैसे बचने का जुगाड़ लग गया था. अब वेतन निर्धारण में बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा. इसके चलते कई विद्यालयों से तो यह भी रिपोर्ट नहीं दी गयी है कि उनके यहां कितने शिक्षकों का वेतन निर्धारण किया जाना है. दरअसल, कई पंचायतों में नियोजन इकाई ने आधे-अधूरे कागजातों के आधार पर ही प्रक्रिया पूरी कर ली. अब पहले निगरानी जांच व अब वेतन निर्धारण में सारे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं तो बेचैनी बढ़ गयी है. उच्चाधिकारियों के बार-बार निर्देश के बावजूद प्रखंड स्तर से रिपोर्ट नहीं मिल रही है. कई दिनों बाद भी विभाग यह तय नहीं कर सका है कि जिले में कितने शिक्षकों को नया वेतनमान दिया जाना है. विभागीय लोगों का कहना है कि निर्धारण के लिए सभी पत्रावली के साथ शिक्षकों की ओर से आवेदन दिया जाना है, जो प्रखंड स्तर पर रिपोर्ट लगने के बाद डीपीओ स्थापना कार्यालय में जमा होगा. यहां से जांच-पड़ताल के बाद ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. सेवा पुस्तिका भी नहीं है अपडेट वेतन निर्धारण की प्रक्रिया में शिक्षकों की सेवा पुस्तिका भी रोड़ा बन रही है. अधिकारियों का कहना है कि प्रखंड स्तर पर बीइओ ने लापरवाही की है, जिसके चलते सैकड़ों शिक्षकों की सेवा पुस्तिका अपडेट नहीं हो सकी हैं. अब वेतन निर्धारण की बात सामने आयी है तो इसको लेकर अफरा-तफरी की स्थिति है. कुछ लोग इसके लिए दबाव भी बनाना शुरू कर दिये हैं, तो कई जगहों पर इसमें बिचौलियों की सक्रियता भी चर्चा में आ रही है. दशहरा तक वेतन मिलना मुश्किल वेतन निर्धारण में उलझे पेच व लापरवाही के चलते दशहरा से पहले शिक्षकों को वेतन मिलना मुश्किल लग रहा है. राज्य सरकार के साथ ही विभाग का भी प्रयास है कि वेतन निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करके दशहरा से पहले भुगतान भी सुनिश्चित कर दिया जाय. हालांकि इसमें स्थानीय स्तर पर काफी पेंच लग रहे हैं. दूसरी तरफ विभाग के अधिकारी व कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में भी लगाए गए हैं. ऐसे में दशहरा तक वेतन मिलना संभव नहीं दिख रहा. बोले डीपीओ- विभाग का पूरा प्रयास है कि दशहरा से पहले वेतन निर्धारण के साथ ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाये. इसमें विद्यालयों से रिपोर्ट मिलने में लापरवाही हो रही है, जिससे काम प्रभावित हो रहा. कुछ जगहों से पत्रावली मिली है, लेकिन वह आधी-अधूरी है. सेवा पुस्तिका के साथ ही समस्त पत्रावली की छायाप्रति मंगायी गयी है. प्रयास किया जा रहा है कि जैसे-जैसे निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होती जाये, भुगतान भी होता रहे. अवनिन्द्र कुमार सिन्हा, डीपीओ स्थापना
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वेतन नर्धिारण में खुल सकती है नियोजन की पोल
वेतन निर्धारण में खुल सकती है नियोजन की पोल शिक्षकों का मामला-शिक्षकों को देनी है सेवा पुस्तिका सहित सभी पत्रावली -निगरानी टीम को भी नहीं मिल सके हैं सभी के कागजात -विद्यालय स्तर पर चल रही आनाकानी से मामला उलझा संवाददाता, मुजफ्फरपुर शिक्षकों के वेतन निर्धारण के बहाने नियोजन की पोल भी खुल सकती है. […]
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