मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच के इमरजेंसी में तैनात डाॅक्टर व वार्ड इंचार्ज को मरीजों की जिंदगी से कुछ भी लेना-देना नहीं रह गया है़ गुरुवार को इमरजेंसी में लापरवाही का एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें डायरिया से पीड़ित एक बच्ची को इलाज करने की बजाय उसे घंटे भर घुमाया गया़.
इमरजेंसी में दवा तक नहीं दी गई़ पीड़िता से पीछा छुड़ाने के लिए इमरजेंसी से उसे आइसोलेशन वार्ड भेज दिया गया़ मगर इमरजेंसी से आइसोलेशन वार्ड में पीड़ित बच्ची की बीएसटी को भी एक घंटे के बाद भेजा गया़ बीएसटी पहुंचने के बाद आइसोलेशन वार्ड में उपस्थित वार्ड इंचार्ज ने इलाज शुरू किया़ एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में डायरिया से पीड़ित कांटी थाने के ग्राम-मैसहा निवासी छोटी कुमारी अपनी मां के साथ दोपहर को एक बजे के करीब पहुंची़ इसके बाद उसे डाॅक्टर को दिखाया गया़.
डाक्टर के देखने के बाद भी इमरजेंसी में उसे कोई दवा नहीं दी गयी़ उसकी हालत जब खराब होने लगी तो इमरजेंसी से उसे आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया़ इमरजेंसी से बीएसटी नहीं भेजे जाने और छोटी कुमारी की हालत गंभीर देख आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करने वालों की सांस फूलने लगी़ बगैर बीएसटी के ही आइसोलेशन वार्ड में भरती हुई थी़ पौने तीन बजे के करीब इमरजेंसी से बीएसटी लेकर कर्मचारी पहुंचा, इसके बाद उसकी दवा शुरू हुई़ अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन मामला गंभीर है़ पूरे मामले की जांच होगी, उसमें जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी़