23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब सीएस ही बताएं, कौन सी चठ्ठिी सही है

अब सीएस ही बताएं, कौन सी चिठ्ठी सही है उलझी जांच: – नि:शक्तता प्रमाण पत्र के सत्यापन में एक ही पत्रांक पर दो जवाब -एक पत्र में सर्टीफिकेट जारी करने से इनकार, तो दूसरे में स्वीकार-मीनापुर के हरशेर में नियोजित प्रखंड शिक्षक ही जांच का मामलासंवाददाता, मुजफ्फरपुर मीनापुर प्रखंड के हरशेर में नियोजित शिक्षक राजेश […]

अब सीएस ही बताएं, कौन सी चिठ्ठी सही है उलझी जांच: – नि:शक्तता प्रमाण पत्र के सत्यापन में एक ही पत्रांक पर दो जवाब -एक पत्र में सर्टीफिकेट जारी करने से इनकार, तो दूसरे में स्वीकार-मीनापुर के हरशेर में नियोजित प्रखंड शिक्षक ही जांच का मामलासंवाददाता, मुजफ्फरपुर मीनापुर प्रखंड के हरशेर में नियोजित शिक्षक राजेश कुमार के नि:शक्तता सर्टीफिकेट का सत्यापन विभागीय अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. जांच के दौरान विभाग को चार महीने में ही सीएस के दो पत्र मिले. दोनों को जारी करने की तिथि व पत्रांक संख्या एक ही है, लेकिन हैरान करने वाली बात है कि दोनों के जवाब में पूरा अंतर है. एक में सर्टीफिकेट जारी करने से इनकार किया गया है, जबकि दूसरे में सर्टीफिकेट जारी करने की बात स्वीकार की गयी है. डीइओ गणेश दत्त झा ने बताया कि दोनों पत्रों की कॉपी के साथ सीएस को पत्र लिखकर इस बात की पुष्टि करेंगे कि कौन-सा पत्र सही है. हरशेर में राजेश कुमार का नियोजन नि:शक्त कोटे के आधार पर प्रखंड शिक्षक के रूप में हुआ है. कुछ महीने पहले एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि राजेश कुमार ने फर्जी नि:शक्तता प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की है. इस शिकायत के आधार पर डीइओ ने डीपीओ स्थापना को जांच कराकर कार्रवाई का निर्देश दिया. जांच के क्रम में विभाग ने राजेश के नि:शक्तता प्रमाण-पत्र के साथ पत्र लिखकर सीएस से इस बात की जानकारी मांगी कि उक्त प्रमाण-पत्र उनके यहां से जारी हुआ है अथवा नहीं. मई के अंतिम सप्ताह में सीएस का पत्र मिला, जिसमें प्रमाण-पत्र जारी करने से इनकार किया गया था. सीएस के पत्रांक-1143, दिनांक-20.05.2015 में कहा गया है कि राजेश कुमार का नि:शक्तता प्रमाण-पत्र उनके कार्यालय से जारी नहीं है. फर्जी नि:शक्त प्रमाण-पत्र की पुष्टि होने के बाद डीइओ ने संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीडीओ को पत्र लिखा. साथ ही संबंधित शिक्षक से भी जवाब मांगा. इस बीच कोई कार्रवाई तो नहीं हो सकी, लेकिन दोबारा जब शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के सामने शिक्षक की फाइल आयी तो हैरान रह गये. डीइओ ने बताया कि दूसरी बार मिली फाइल के साथ भी सीएस का पत्र लगा है. पत्रांक व तिथि वही है, लेकिन इसमें प्रमाण-पत्र जारी किये जाने की बात कही गयी है. हालांकि दोनों पत्र पर सीएस के हस्ताक्षर में भी अंतर है, जिसकी पुष्टि के लिए सीएस को ही पत्र भेजा जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें