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16 स्टडी सेंटरों में होगी डिस्टेंस की पढ़ाई

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दूर शिक्षा निदेशालय के पास अब खुद का स्टडी सेंटर होगा. विवि की ओर से गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने 16 शिक्षण संस्थानों में निदेशालय को स्टडी सेंटर खोलने की हरी झंडी दे दी है. अब सिर्फ कुलपति के मंजूरी का इंतजार है. निदेशालय अधिकारियों की मानें तो ये […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दूर शिक्षा निदेशालय के पास अब खुद का स्टडी सेंटर होगा. विवि की ओर से गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने 16 शिक्षण संस्थानों में निदेशालय को स्टडी सेंटर खोलने की हरी झंडी दे दी है. अब सिर्फ कुलपति के मंजूरी का इंतजार है. निदेशालय अधिकारियों की मानें तो ये सभी स्टडी सेंटर इस वर्ष से कार्य करना शुरू कर देंगे. जिन स्टडी सेंटरों पर सहमति बनी है उसमें विवि के अंगीभूत व संबद्ध डिग्री कॉलेज भी शामिल हैं. इन सभी को फिलहाल पांच साल के लिए मान्यता प्राप्त होगी.

दूर शिक्षा कौंसिल के नियमों के तहत दूर शिक्षा निदेशालय में स्टडी सेंटर होना अनिवार्य है. इसके आधार पर दूर शिक्षा निदेशालय ने इच्छुक शिक्षण संस्थानों से स्टडी सेंटर खोलने के लिए आवेदन आमंत्रित किया था. इसके लिए कुल 54 आवेदन निदेशालय को प्राप्त हुए. पर सिर्फ 19 कॉलेजों ने इसके लिए फी जमा की.

तीन पर नहीं बनी सहमति
तत्कालीन कुलपति डॉ कुमारेश प्रसाद सिंह ने स्टडी सेंटर के लिए आवेदन देने वाले शिक्षण संस्थानों की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया. निदेशालय के निदेशक डॉ गणोश कुमार के नेतृत्व में बनी इस कमेटी में सीसीडीसी डॉ विनोद कुमार सिंह, विवि विज्ञान विभाग के डीन डॉ टीएन सिंह, विवि हिंदी विभाग के प्रो रवींद्र कुमार वर्मा रवि व निदेशालय के प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार सिंह शामिल थे.

टीम ने चार मार्च से 24 अप्रैल तक बारी-बारी से सभी शिक्षण संस्थानों की जांच की. टीम ने मुख्य रूप से कंप्यूटर, लाइब्रेरी, क्लास रूम व फैकल्टी की सुविधाओं का जायजा लिया. सुविधाओं के अभाव में नेशनल टीचर ट्रेनिंग कॉलेज दरभंगा, अजीज फाउंडेशन ट्रस्ट मुजफ्फरपुर व भाष्कर ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूट अहियापुर के आवेदन को रद्द कर दिया गया.

सुविधाओं का होगा मासिक निरीक्षण
कुलपति की मंजूरी के बाद निदेशालय सभी स्टडी सेंटरों को अगले पांच साल के लिए मान्यता देगी. प्रत्येक को निदेशालय की ओर से विशेष कोड भी दिया जायेगा. यहीं नहीं कोर्स शुरू होने के बाद निदेशालय की एक विशेष टीम प्रत्येक माह स्टडी सेंटर का निरीक्षण करेगी व उसकी रिपोर्ट निदेशालय को सौंपेगी. इसके आधार पर भविष्य में उनकी मान्यता पर निर्णय लिया जायेगा.

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