मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर को बिहार की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. इसके बावजूद आज भी यहां के बच्चे आइआइटी की तैयारी के लिए दिल्ली, कोटा (राजस्थान), चेन्नई जैसे स्थानों का रुख कर रहे हैं. ऐसा शहर में तैयारी की सही सुविधा उपलब्ध नहीं होना है. पर छात्रों की यह मजबूरी अब खत्म हो जायेगी. देश की चुनिंदा फैकल्टी खुद यहां आ कर छात्र-छात्राओं को आइआइटी मेन व एडवांस में सफलता के गुर सिखायेंगे.
यह बातें आइआइटी स्टडी सर्किल के मैनेजर ऑपरेशन (उत्तर भारत) गोपाल अधिकारी ने कही. वे रविवार को नीम चौक स्थित जेके कॉम्पलेक्स में संस्था के नये सेंटर खोले जाने की घोषणा कर रहे थे. मौके पर एकेडमिक निदेशक दिवाकर चमोली व नये सेंटर के निदेशक ई राहुल आनंद भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आइआइटी स्टडी सर्किल देश की जानी-मानी संस्थान श्रीराम ग्रुप का हिस्सा है.
मुजफ्फरपुर सूबे का पहला जिला है जहां संस्था छात्र-छात्रओं को क्लास रूम कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करायेगी. इससे पूर्व संस्था ने वर्ष 2010 में पहली बार पटना में टेस्ट सेंटर खोला था. एक अंगरेजी अखबार के सर्वे के अनुसार आइआइटी स्टडी सर्किल का आइआइटी में सफलता का प्रतिशत 14.98 प्रतिशत है.
श्री अधिकारी ने कहा कि फिलहाल संस्थान में दसवीं पास छात्र-छात्राओं को दो वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम व ग्यारहवीं पास छात्र-छात्राओं को एक वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम की सुविधा उपलब्ध करायेगी. पर अगले वर्ष से संस्था आठवीं कक्षा पास छात्र-छात्राओं को आइआइटी मेन व एडवांस की तैयारी के लिए फाउंडेशन कोर्स की सुविधा भी उपलब्ध करायेगी. उन्होंने कहा कि उनका मकसद स्थानीय कोचिंग संस्थानों से मुकाबला करना नहीं बल्कि छात्रों को क्वालिटी शिक्षा उपलब्ध कराना है. यहीं कारण है कि यहां सप्ताह में सिर्फ चार दिन ही कक्षाएं ली जायेंगी. प्रत्येक रविवार को छात्रों का टेस्ट लिया जायेगा व उसकी रिपोर्ट उनके परिजनों को भेजा जायेगा. छात्र-छात्राओं को यहां स्कॉलरशीप की सुविधा भी मिलेगी. नामांकन की प्रक्रिया 13 मई से व कक्षा 04 जून से शुरू होगी.