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नवरूणा कांड: कोर्ट में नहीं पहुंची सीबीआइ
मुजफ्फरपुर : चर्चित नवरुणा अपहरण मामले में सीबीआइ के अधिकारी बुधवार को न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पाये. जबकि पिछले 28 अगस्त को सुनवाई के दौरान अगली तिथि 30 सितंबर तय की गयी थी. न्यायालय ने सीबीआइ से इस कांड की प्रगति रिपोर्ट मांगी थी. सीबीआइ के वकील ने इसके लिए समय मांगा था. लेकिन […]
मुजफ्फरपुर : चर्चित नवरुणा अपहरण मामले में सीबीआइ के अधिकारी बुधवार को न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पाये. जबकि पिछले 28 अगस्त को सुनवाई के दौरान अगली तिथि 30 सितंबर तय की गयी थी. न्यायालय ने सीबीआइ से इस कांड की प्रगति रिपोर्ट मांगी थी. सीबीआइ के वकील ने इसके लिए समय मांगा था. लेकिन सीबीआइ ने इससे संबंधित कोई रिपोर्ट न्यायालय में जमा नहीं किया है. वहीं नवरुणा की मां मैत्री चक्रवर्ती ने अपने वकील के माध्यम से न्यायालय से अबतक के आदेश के कॉपी की मांग की है. न्यायालय ने इसके लिए नौ अक्टुबर की तिथि मुकर्रर की है.
नहीं पहुंचे सीबीआइ अधिकारी. नवरुणा कांड की जांच कर रहे सीबीआइ अधिकारी बुधवार को न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. न्यायालय ने अधिकारियों से इस कांड से जुड़ी प्रगति से संबंधित रिपोर्ट मांगी थी. विगत 28 अगस्त को सीबीआइ नक विशेष न्यायालय में प्रगति रिपोर्ट जमा की थी. इस रिपोर्ट को देखने के बाद न्यायाधीश जावेद आलम ने कड़ी टिप्पणी की थी. न्यायाधीश ने सीबीआइ द्वारा सौंपे गये प्रगति रिपोर्ट को असंतोषजनक बताते हुए 30 सितंबर तक मुकम्मल रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया था. साथ ही सुनवाई की तिथि भी 30 अगस्त को ही रखी थी.
सात सितंबर को जमा किये थे कागजात.न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआइ यहां सात सितंबर काे पहुंची थी. सीबीआइ ने एक कार्टुननुमा बक्से में इस जांच से संबंधित फाइलें न्यायालय में जमा की थी. 30 अगस्त को सीबीआइ द्वारा इस कांड में किये गये जांच व इससे संबंधित अन्य पहलुओं पर बहस के लिए न्यायालय ने 30 अगस्त की ही तिथि तय की थी. नवरुणा की मां मैत्री चक्रवर्ती अपने अधिवक्ता रंजना सिंह के साथ न्यायालय में पहुंची थी लेकिन सीबीआइ की ओर से न तो कोई अधिकारी ही न्यायालय में पहुंचे और न ही उनका वकील. अंत में नवरुणा की मां सीबीआइ के विशेष न्यायालय में अपने अधिवक्ता रंजना सिंह के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा.
उन्होंने न्यायाधीश को इस कांड से संबंधित सभी पहलुओं से अवगत कराया. लगभग 45 मिनट तक चली बहस के बाद न्यायाधीश ने इस मामले में सुनवाई के लिए 9 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की.
मैत्री ने आठ सितंबर को कोर्ट से मांगी थी आदेश की कॉपी
नवरूणा की मां मैत्री चक्रवर्ती ने कोर्ट से इस कांड से संबंधित सभी आदेश की कॉपी देने की मांग की थी. मैत्री चक्रवर्ती ने अपने अधिवक्ता रंजना सिंह के माध्यम से बुधवार को भी न्यायालय से डीएनए टेस्ट के आदेश,सीबीआइ द्वारा जमा किये गये लिफाफे, सीबीआइ को लिखे पत्र के साथ ही इस कांड से जुड़े सभी आदेश की सर्टिफायड कॉपी की मांग की थी. न्यायालय ने 30 सितंबर को इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था.
इन आदेशों की मांगी है कॉपी
न्यायालय ने 13 मार्च 2014 को डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल देने का आदेश नवरूणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती को दिया था. 25 मार्च को अतुल्य चक्रवर्ती ने सीबीआइ के समक्ष एसकेएमसीएच में जांच के लिए ब्लड दिया था. सीबीआइ ने जून-14 को पांच सीलबंद लिफाफा न्यायालय में जमा किया था. 12 अगस्त को सीबीआइ ने कोर्ट में दो बक्से में हड्डी जमा किया. सात अगस्त को लाल कपड़े में बंधी कार्टून नुमा बक्से में इस कांड से जुड़ी फाइल जमा किया.
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