Advertisement
बकरीद की नमाज में मांगी गयी अमन-चैन की दुआ
मुजफ्फरपुर: कुर्बानी का त्योहार बकरीद शहर में पूरे अकीदत के साथ मनाया गया. त्योहार के मौके पर सुबह मसजिदों में हुई नमाज में अल्लाह से मुल्क की खुशहाली की दुआ मांगी गयी. लोगों ने परिवार के अलावा समाज व देश-दुनिया में शांति की दुआ की. त्योहार को सुबह से ही कुर्बानी की तैयारियां होने लगीं. […]
मुजफ्फरपुर: कुर्बानी का त्योहार बकरीद शहर में पूरे अकीदत के साथ मनाया गया. त्योहार के मौके पर सुबह मसजिदों में हुई नमाज में अल्लाह से मुल्क की खुशहाली की दुआ मांगी गयी. लोगों ने परिवार के अलावा समाज व देश-दुनिया में शांति की दुआ की. त्योहार को सुबह से ही कुर्बानी की तैयारियां होने लगीं. नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर त्योहार की बधाइयां दीं. ईदगाह के अलावा कपंनीबाग मसजिद, शिया जामा मसजिद सहित अन्य मसजिदों में भी मुबारकबाद के लिए लोगों की भीड़ रही. विभिन्न धर्मों के लोगों ने नमाज के बाद एक-दूसरे से गले मिलकर त्योहार की बधाई दी.
बकरीद की नमाज अदा कर लौटने के बाद लोगों ने बकरों की कुर्बानी की. इसके बाद गोश्त का एक हिस्सा अपने पास रख कर अन्य दो हिस्सों को जरूरतमंदों के बीच बांटा गया. अजीज की कुर्बानी देना भी इस्लामिक धर्म का एक जरूरी हिस्सा है. इसके लिए एक बकरे को पाला जाता है. दिन-रात उसका ख्याल रखा जाता है. जो लोग बकरों को पालते हैं, उससे उनकी भावनाएं जुड़ जाती हैं. फिर उसे कुर्बान करना बहुत कठिन हो जाता है. इस्लामिक धर्म के अनुसार इससे कुर्बान हो जाने की भावना बढ़ती है.
नये कपड़े पहन की लोगों ने पढ़ी नमाज : बकरीद की नमाज लोगों ने नये कपड़े पहन कर पढ़े. उसके बाद कुर्बानी हुई. त्योहार के मौके पर सेवइयों सहित अन्य पकवान बने. इस मौके पर घर आने वाले लोगों को दावत दी गयी. लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर भी बधाई दी. त्योहार के मौके पर जरूरतमंदों का विशेष ख्याल रखा गया. बच्चों को ईदी दी गयी.
जुमा होने के कारण दोपहर में नमाज के लिए मसजिदों में भी काफी भीड़ रही. चलने में असमर्थ लोगों ने भी त्योहार का विशेष दिन होने के कारण मसजिदों में नमाज पढ़ी.
तीन दिनों तक मनाया जायेगा बकरीद : बकरीद का त्योहार तीन दिनों तक मनाया जायेगा. जिन लोगों ने शुक्रवार को कुर्बानी नहीं की, वे तीन दिन के अंदर कुर्बानी करेंगे. इस्लामपुर के मो इश्तेहाक ने कहा कि बकरीद का त्योहार अपने लोगों में कुर्बानी की भावना भरने के लिए है.
हम अल्लाह के लिए कुर्बानी करते हैं. इसका मतलब है कि समाज व देश के लिए भी जब अजीज की कुर्बानी की बात आये तो मुसलिम समुदाय पीछे नहीं हटे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement