मुजफ्फरपुर: विचाराधीन कैदी अकबर के पिता उस्मान ने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अपनी परवाह भी छोड़ दी है. वह दमा का मरीज है और नियमित दवा के सेवन पर ही चलने-फिरने पाते हैं, लेकिन बेटे की मौत ने उन्हें तोड़ दिया गया. उन्होंने दवाई लेनी छोड़ दी है. इससे परिवार के लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है. खाना-पीना तो पहले से ही छूट गया है. परिजन समझा कर थक गये हैं, लेकिन उस्मान कुुछ सुनने को तैयार नहीं हैं. वो कहते हैं, जब बेटा नहीं रहा, तो हमारी क्या परवाह. अब बेटे के हत्यारों को सजा दिलवा कर ही दवाई खायेंगे.
प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर सवाल
उस्मान अपने घर में आनेवालों को सिर्फ देखते हैं. उनसे कुछ कह नहीं पा रहे हैं. तीन दिन से उन्होंने खाना नहीं खाया. अब दवा भी नहीं ले रहे हैं. मंगलवार को एसएसपी आये थे, तब भी उन्होंने अपने बेटे को न्याय दिलाने की मांग की थी. वो इस बात से दुखी है कि जिन लोगों ने अकबर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सड़क जाम की. पुलिस ने उनकी बात सुनने के बजाय लाठीचार्ज किया. उन लोगों पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की, जिन पर पिटाई का आरोप है. 70 साल के उस्मान को जब कोई सांत्वना देता है, तो वह उससे पूछ बैठते हैं, ऐसी कौन सी खता अकबर ने की थी, जिससे उसे पीट कर मार दिया गया. 11 सितंबर को उसे तीन सौ का भाड़ा मिला था. वो तीन मवेशी लेकर माड़ीपुर पहुंचाने जा रहा था. इसी दौरान उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया था. इधर, जानकारी मिलने पर इमाम मो़ आरिफ हुसैन ने भी उस्मान को समझाया. मुखिाय इरशाद अंसारी ने कहा कि जांच में दोषियों पर कार्रवाई होगी, लेकिन उस्मान दवाई खाने को तैयार नहीं हुये.
नशे की नहीं मिली जानकारी
अकबर के नशेड़ी होने की बात कही जा रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके नशा नहीं लेने की बात सामने आयी है. साथ ही वो नशे का आदी है. इसके बारें में भी रिपोर्ट नहीं आयी.