मुजफ्फरपुर : बिजली की सेंट्रल डिस्पैच में भारी कटौती हो रही है. बिजली की भारी कटौती से ग्रिड को कम बिजली का आवंटन हो रहा है. भिखनपुरा ग्रिड को 70 मेगावाट और मेडिकल ग्रिड को 40 से 50 मेगावाट का आवंटन हो रहा है.
वहीं भिखनपुरा ग्रिड में 50 एमवी के नये ट्रांसफॉमर लगाये जाने के बाद 110 मेगावाट आपूर्ति होनी चाहिए थी. मेडिकल ग्रिड को चंदवारा व मिस्कॉट फीडर का लोड दिये जाने के बाद 60 मेगावाट बिजली की जरूरत रहती है. लेकिन कभी 30 तो कभी 40 मेगावाट बिजली मिल रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी होना स्वभाविक है. ग्रिड सूत्रों का कहना है कि नये ट्रांसफॉर्मर लगाये जाने के बाद कुछ दिनों के लिए 90 मेगावाट बिजली का सेंट्रल डिस्पैच मिला, लेकिन अब हालत पहले जैसी है.
33 केवी के फीडर रह रहा लोड शेडिंग में
कम आवंटन होने से ग्रिड से फुल लोड बिजली फीडरों का नहीं मिल पाती है. सेंट्रल डिस्पैच में कटौती होने से बिजली आवंटन व लोड बंटवारे में भारी कठिनाई हो रही है. 33 केवी के फीडरों को लोड शेडिंग में रखा जा रहा है. 33 केवी के फीडरों को फुल लोड बिजली नहीं मिलने से 11 केवी के फीडरों को भी सही बिजली नहीं मिल रही है.
हर दिन हो रही बिजली की कमी
विद्युत वितरण कंपनी का दावा है कि हर दिन फीडरों को कम बिजली मिल रही है. 31 अगस्त को एसकेएमसीएच 33 केवी फीडर को पांच घंटे, मीनापुर के घोसौत 33 केवी फीडर को पांच घंटे, बोचहां 33 केवी फीडर को आठ घंटे, भगवानपुर 33 केवी फीडर को छह घंटे और मुशहरी 33 केवी फीडर को आठ घंटे बंद रखा गया.
एस्सेल के पीआरओ राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि कंपनी को ग्रिड से काफी देर के लिए बिजली नहीं मिल पाती है. बिजली नहीं रहने से उपभोक्ताओं को दिक्कतें होती है.