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बीआरए बिहार विवि: नैक की पियर टीम के सदस्यों ने दिया सुझाव, विवि में अब होगा एकेडमिक ऑडिट!
मुजफ्फरपुर: वित्तीय की तरह अब बीआरए बिहार विवि में एकेडमिक ऑडिट भी हो सकता है. इसका सुझाव नैक की टीम ने प्राचार्यो के साथ बैठक के दौरान दिया. साथ ही किन-किन बिंदुओं पर ऑडिट होना चाहिए. इसके बारे में भी बताया. इसके बाद से माना जा रहा है कि आनेवाले समय में विवि में एकेडमिक […]
मुजफ्फरपुर: वित्तीय की तरह अब बीआरए बिहार विवि में एकेडमिक ऑडिट भी हो सकता है. इसका सुझाव नैक की टीम ने प्राचार्यो के साथ बैठक के दौरान दिया. साथ ही किन-किन बिंदुओं पर ऑडिट होना चाहिए. इसके बारे में भी बताया. इसके बाद से माना जा रहा है कि आनेवाले समय में विवि में एकेडमिक ऑडिट हो सकता है.
विवि सूत्रों के मुताबिक नैक की टीम ने प्राचार्यो के साथ बैठक में एकेडमिक ऑडिट के बारे में पूछा, तो प्राचार्य चुप्पी साध गये? कुछ प्राचार्यो का कहना था कि ये उनके लिये नया कांसेप्ट है. इसके बाद टीम के सदस्यों ने कहा कि जिस तरह से वित्तीय मामलों में खर्च व बची राशि का ऑडिट किया जाता है.
वैसे ही विवि में पढ़ाई को लेकर भी ऑडिट किया जाना चाहिये. इससे विवि में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा. गुणवत्ता बढ़ेगी. साथ ही किन कारणों से पढ़ाई नहीं हो सकी है ये बात भी सामने आयेगी. टीम के सदस्यों का ये सुझाव विवि अधिकारियों व प्राचार्यो को अच्छा लगा.
नैक मूल्यांकन के बाद जिस तरह से कुलपति ने क्लास लेने के संकेत दिये हैं. उससे लगता है कि आनेवाले दिनों में विवि में पढ़ाई पर जोर होगा. वैसे जब कुलपति ने पदभार ग्रहण किया था, तब से इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि विवि में पढ़ाई की स्थिति बदलेगी, लेकिन अभी तक कोई विशेष सुधार देखने को नहीं मिला है. ऐसे में ये भी कहा जा रहा है कि कुलपति नैक टीम के सुझावों का पालन करेंगे और एकेडमिक ऑडिट की शुरुआत करेंगे, ताकि विवि पढ़ाई के रास्ते पर फिर से वापस लौट सके.
विवि में एकेडमिक ऑडिट की शुरुआत होती है. छात्रों के साथ शिक्षकों को भी जवाबदेह बनना पड़ेगा. अभी जो हाल है. उस तरह से नहीं रहेगा, क्योंकि तब सभी संबंधित विषय के शिक्षकों को ये जवाब देना होगा कि उनका कोर्स क्यों नहीं पूरा हुआ है. उसके पीछे क्या कारण रहें हैं. कहीं शिक्षक की वजह से ही तो पढ़ाई अधूरी नहीं रह गयी है. अगर है, तो उसे कवर करने के लिए संबंधित शिक्षक की ओर से क्या कदम उठाये गये हैं.
ऐसे ही छात्रों की जवाबदेही भी तय की जायेगी, आखिर उनके आंदोलनों की वजह से विवि में कितने दिन पढ़ाई बाधित हुई है. अगर ऐसा होता है, तो छात्र प्रतिनिधियों से बात की जायेगी, ताकि पढ़ाई का नुकसान कम से कम हो.
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