लेकिन, एस्सेल के अधिकारियों ने समय से बिजली की आपूर्ति नहीं की. केवल दावा करने में लगे रहे. जिन प्रखंडों में बिजली नहीं रही उनमें मीनापुर, बोचहां, गायघाट, बंदरा शामिल है. साथ ही, मुशहरी का बड़ा भाग शामिल है. यही नहीं, मेडिकल ग्रिड बिजली भी फुल लोड के बदले कभी 35 मेगावाट तो कभी 40 मेगावाट ही लोड लिया. उपभोक्ता दिन भर बिजली के लिए हलकान रहे.
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आठ घंटे अंधेरे में रहे तीन लाख लोग
मुजफ्फरपुर: एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी बिजली आपूर्ति पर जितना दावा कर ले, लेकिन हकीकत और दावे में भारी अंतर है. गुरुवार को स्थिति यह रही कि एक दो नहीं पांच प्रखंडों के करीब तीन लाख से अधिक लोग बिजली को तरस गये. लेकिन, एस्सेल के अधिकारियों ने समय से बिजली की आपूर्ति नहीं की. केवल […]
मुजफ्फरपुर: एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी बिजली आपूर्ति पर जितना दावा कर ले, लेकिन हकीकत और दावे में भारी अंतर है. गुरुवार को स्थिति यह रही कि एक दो नहीं पांच प्रखंडों के करीब तीन लाख से अधिक लोग बिजली को तरस गये.
सूत्रों का कहना है कि बनघारा और सीआरपीएफ पावर सब स्टेशन गुरुवार की रात 1.25 बजे में बंद हो गया. इसे सुबह 10 बजे में चालू कराया गया. यानी साढ़े आठ घंटे बिजली बाधित रही. मेडिकल ग्रिड कैंपस स्थित एस्सेल के इनर्जी एंड चेक मीटर में आग लग जाने के बाद कई 11 केवी के फीडरों से बिजली की आपूर्ति नहीं की गई. जीरोमाइल एसकेएमसीएच11 केवी फीडर भी अधिक लोड होने के कारण ब्रेक डाउन ले लिया. इस कारण, एसकेएमसीएच, जीरोमाइल और अखाड़ाघाट इलाकों में बिजली नहीं मिली. इसके साथ ही, बंदरा, मैठी और गणोश फाउंडरी स्थित 11 केवी फीडर भी दिन में करीब तीन से पांच घंटे के लिए बंद रहे. इसके लिए लोगों में बिजली के लिए त्रहिमाम मचा रहा.
इधर, एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के पीआरओ राजेश कुमार चौधरी ने दावा किया है कि बिजली की स्थिति बिल्कुल ठीक थी. सभी फीडर चालू थे.
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