प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने दस लाख तक की योजना की तकनीकी स्वीकृति देने का अधिकार सहायक अभियंता को दे दिया है. 10 से 50 लाख तक की योजनाओं की स्वीकृति कार्यपालक अभियंता देंगे. पहले निगम में राज्य योजना मद की योजनाओं को छोड़कर शेष 25 लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति देने का अधिकार कार्यपालक अभियंता को था, लेकिन अब इसे बढ़ा कर 50 लाख रुपये कर दिया गया है.
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50 लाख रुपये तक की योजनाएं स्वीकृत करेंगे कार्यपालक अभियंता
मुजफ्फरपुर. नगर निगम में मुख्य अभियंता से 50 लाख रुपये तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति लेने का झंझट अब खत्म हो गया है. जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) के तर्ज पर नगर निगम के कार्यपालक अभियंता को इसका अधिकार दिया गया है. यह व्यवस्था नगर विकास एवं आवास विभाग ने लागू किया है. प्रधान […]
मुजफ्फरपुर. नगर निगम में मुख्य अभियंता से 50 लाख रुपये तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति लेने का झंझट अब खत्म हो गया है. जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) के तर्ज पर नगर निगम के कार्यपालक अभियंता को इसका अधिकार दिया गया है. यह व्यवस्था नगर विकास एवं आवास विभाग ने लागू किया है.
विवि में सफाई हुई पर नहीं मिला 17 लाख का चेक. बीआरए बिहार विवि के डीएसडब्ल्यू के कॉल के बाद कैंपस व हॉस्टल की सफाई तो बुधवार को नगर निगम ने बेहतर तरीके से कर दी, लेकिन 17 लाख रुपये का बकाया होल्डिंग टैक्स का चेक नहीं मिला. इस कारण टैक्स डिपार्टमेंट से गये कर्मचारी मायूस होकर कैंपस से लौट आये. हालांकि, डीएसडब्ल्यू डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नैक टीम के कारण पूरा विवि प्रशासन व्यस्त है. टीम के लौटने के बाद निगम को 17 लाख रुपये का चेक देकर बकाया का भुगतान किया जायेगा. वरीय टैक्स दारोगा ने बताया कि विवि प्रशासन से बात हुई है. शुक्रवार को चेक के लिए बुलाया गया है.
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