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अधिवक्ता हत्याकांड में हाजत प्रभारी घिरे
सुनील कुमार सिंह मुजफ्फरपुर : अधिवक्ता ब्रजकिशोर शर्मा उर्फ मदन शर्मा हत्याकांड में हाजत प्रभारी राजकुमार दास भी घिरते नजर आ रहे हैं. अधिवक्ता के भाई ने हाजत प्रभारी पर गब्बर से मिले होने का आरोप लगाया है. इसके बाद एसएसपी ने मामले की जांच कराने की बात कही है. पूर्व मुखिया उमाशंकरसाह की हत्या […]
सुनील कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर : अधिवक्ता ब्रजकिशोर शर्मा उर्फ मदन शर्मा हत्याकांड में हाजत प्रभारी राजकुमार दास भी घिरते नजर आ रहे हैं. अधिवक्ता के भाई ने हाजत प्रभारी पर गब्बर से मिले होने का आरोप लगाया है.
इसके बाद एसएसपी ने मामले की जांच कराने की बात कही है. पूर्व मुखिया उमाशंकरसाह की हत्या के दौरान वर्तमान हाजत प्रभारी राजकुमार दास करजा थानाध्यक्ष थे, तब इन पर पूर्व मुखिया हत्याकांड में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था, जिस पर तत्कालीन एसएसपी सौरभ कुमार ने इन्हें निलंबित भी किया था.
अधिवक्ता मदन शर्मा के भाई श्याम कुमार शर्मा उर्फ मुन्ना ने जो प्राथमिकी करायी है. उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है कि मदन की हत्या की योजना कोर्ट परिसर में बनी थी. इस दौरान पूर्व मुखिया हत्याकांड में जेल में बंद श्याम कुमार उर्फ गब्बर ने मदन शर्मा को मामले से हटने को कहा था. नहीं हटने पर हत्या की धमकी दी थी.
मुन्ना ने लिखा है कि मदन शर्मा की जमीन पर गब्बर की ओर से जबरन कब्जा करने का विरोध करने के कारण ही पूर्व मुखिया उमाशंकर साह की हत्या हुई थी. उन्हें एक जून 2013 को मारा गया था.
मामले में करजा थाना में उसके भाई रविशंकर साह ने गब्बर के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. तत्कालीन करजा थानाध्यक्ष आरक्षी निरीक्षक राजकुमार दास ही थे. राजकुमार दास पर उमाशंकर हत्याकांड की जांच में लापरवाही बरतने के साथ ही गब्बर से सांठगांठ का आरोप लगा था. इसी मामले में वो निलंबित हुये थे.
मुन्ना ने लिखा है कि हाजत प्रभारी ने पेशी के दौरान गब्बर को लोगों से मिलने की छूट दे रखी थी, जबकि नियम ये है कि पेशी में आनेवाले बंदी किसी से मिल नहीं सकते हैं.
मुजफ्फरपुर : भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने कहा, मुजफ्फरपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है. वकील केस लड़ता है तो उसकी हत्या कर दी जाती है. मासूम की बेवजह जान ले ली जाती है. लगता है जैसे राज्य सरकार चुनाव की तैयारी कर रही है.
ठीक ऐसी ही स्थिति लालू प्रसाद के शासनकाल भी थी. जब भी चुनाव का समय आता था, जिला प्रशासन व पुलिस सरकार के निर्देश पर काम करना शुरू कर देती थी. वे शनिवार को रौतनिया स्थित वकील ब्रज किशोर शर्मा उर्फ मदन शर्मा के घर से लौट कर शहर में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा, अधिवक्ता की हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए वे एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र से भी मिले हैं. पटना लौटकर राज्यपाल व मुख्य सचिव से भी मिलेंगे. यदि एक सप्ताह के अंदर आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होती है तो इसके खिलाफ वे स्वयं आंदोलन करेंगे.
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