अब उसकी केवल एक ही फरियाद है कि किसी तरह उसका पति उसे मिल जाये. इसके लिए चानो देवी गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आयी थी, लेकिन वहां कोई भी अधिकारी उसे नहीं मिला.
घर परिवार लव-मैरिज करने की वजह से पहले से ही छोड़ चुके थे. ऐसे में वह तीन मासूमों के साथ सड़क पर आ गयी. बच्चों की भूख मिटाने के लिए उसने भीख मांगना शुरू कर दिया. जिस उम्र में बेटी करीना (तीन) को स्कूल जाना चाहिए, उस उम्र में वह मां को भीख मांगने में उसका साथ देती है. चानो देवी कहती है कि पति के न रहने से उस पर क्या बीत रही है, वह उसे बेहतर कोई और नहीं जान सकता. हालात ऐसे हो चुके हैं कि भीख मांग कर बच्चों की भूख मिटा रही हूं. गुजर-बसर करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाना अब तक नियति बन गयी है. इतना बोलते-बोलते उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े. इस पर बड़ी बेटी करीना उससे पूछती है, अम्मा क्यों रो रही है? दो साल के अंकुश को अपने गोद में लिए हुए चानो उसकी बात सुनकर खामोश हो जाती है.