मुजफ्फरपुर: वाहनों के टैक्स जमा नहीं करने वाले वाहन मालिकों पर अब परिवहन विभाग ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. विभाग के अपर सचिव ने डीएम को पत्र लिख कर टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों पर सर्टिफिकेट केस व वसूली की स्थिति का ब्योरा मांगा है.
इस संबंध में जारी पत्र में 29 जून को पटना में हुई बैठक का हवाला देते हुए बताया गया है कि सभी परिवहन पदाधिकारी को दायर सर्टिफिकेट केस के खिलाफ बॉडी वारंट की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी, लेकिन डीटीओ की ओर से इसकी सूची नहीं भेजी गई.
इसकी वजह से समिति के समक्ष रिपोर्ट नहीं पेश की जा सकी. सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वर्ष वार कितने बॉडी वारंट जारी किये गये हैं और कितने पर अनुशासनिक कार्रवाई हुई है, इसकी रिपोर्ट डीटीओ को उपलब्ध कराने का निर्देश दें. इसके लिये चार दिनों का समय दिया गया है. इस पत्र के आलोक में सर्टिफिकेट केस प्रशाखा के वरीय प्रभारी ने सामान्य प्रशाखा के वरीय उप समाहर्ता को परिवहन विभाग से संबंधित केसों की वर्तमान स्थिति की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. बकायेदारों की सूची में ट्रांसपोर्ट डीएम, तिरहुत डीएम सहित कई बड़े वाहन मालिक भी शामिल हैं. वर्ष 2007 से 2014 के बीच के करीब छह सौ से अधिक वाहनों पर टैक्स बकाया को लेकर सर्टिफिकेट केस दायर है.
क्या है मामला
वर्ष 2007 से 2014 के बीच के करीब छह सौ बड़े वाहन मालिकों पर करोड़ों रुपये का विभिन्न प्रकार का टैक्स बकाया है. इन सभी वाहन मालिकों से टैक्स वसूली को लेकर विभाग की ओर से सर्टिफिकेट केस किया गया. बावजूद इसके वाहन मालिकों ने टैक्स नहीं जमा कराया. इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चुना लगा हुआ. तिरहुत कमिश्नर की ओर से वसूली के लिए आदेश जारी किया जा चुका है.