मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में वर्ष-2009 से 2011 तक पीआरटी (प्री पीएचडी टेस्ट) पास अभ्यर्थियों के भी इस वर्ष शुरू होने वाले छह माह विशेष कोर्स में हिस्सा लेने की उम्मीद बढ़ गयी है.
विवि रिसर्च डेवलपमेंट काउंसिल (आरडीसी) ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है. अब इस प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल में पेश किया जायेगा. वहां मंजूरी मिलने के बाद इसे राजभवन भेजा जायेगा.
यदि वहां इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया जाता है तो इस अवधि में पीआरटी पास वैसे उम्मीदवार, जिन्होंने अभी तक अपना शोध पत्र जमा नहीं किया है, उसे विशेष कोर्स की अनुमति प्रदान की जायेगी. पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से सूबे के विभिन्न विश्व विद्यालयों में लेरर के रिक्त पदों पर बहाली का निर्णय लिया गया है. इसमें वैसे अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने पीएचडी के साथ नेट या स्लेट की डिग्री भी हासिल की हो अथवा यूजीसी के रेगुलेशन 2009 के तहत पीएचडी की डिग्री हासिल की हो.
सरकार के इस निर्णय के बाद विवि में वर्ष 2009 से 2011 तक पीआरटी पास अभ्यर्थियों ने खुद को रेगुलेशन 2009 के तहत पीएचडी कोर्स करने की अनुमति देने की मांग करने लगे. इसको लेकर विवि भी बंद कराया गया. मंगलवार को एलएस कॉलेज प्राचार्य कक्ष में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार के नेतृत्व में आयोजित आरडीसी की बैठक में सदस्यों ने मांग को जायज बताते हुए इस पर अपनी मुहर लगा दी है. बैठक में डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह, डॉ पीएन सिंह, डॉ केएस झा, डॉ बीएन झा, डॉ आर दूबे, डॉ शिवजी सिंह व डॉ एसएन चटर्जी मौजूद थे. डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह ने बताया कि काउंसिल पहले ही वर्ष 2009 से 2011 तक पीआरटी पास उम्मीदवार, जिन्होंने अपना शोध पत्र जमा कर दिया है, उस पर फैसला एकेडमिक काउंसिल से कराने पर सहमति जता चुकी है.