देर रात बिजली आने पर मैं शौच के लिए उठी तो बेटी का कमरा खुला देखा. कमरे में जाकर देखा, तो बेटी नहीं थी, लेकिन बेटा सोया हुआ था. इसके बाद मैं अपने बेटे के साथ बेटी को ढूढ़ने लगी. लोकलाज के कारण घटना के बारे में किसी को नहीं बताया.
इसके बाद रंजीत का पुलिस ने स्वीकारोक्ति बयान लिया. इसमें उसने अपना अपराध कबूला. पुलिस ने रंजीत को न्यायालय में 12 मार्च 2013 को पेश किया था. तब से वह जेल में है. रंजीत के विरुद्ध कथैया पुलिस ने 30 मई 2013 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था. मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कृष्ण देव साह ने 13 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किये थे. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बच्चा पाठक ने अपना पक्ष रखा था.