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1000 जवान करेंगे छापेमारी
मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार में बढ़ती माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की दस कंपनियां अभियान चलायेंगी. अभियान बुधवार से शुरू होगा. इसका फैसला सोमवार को सीआरपीएफ कैंप में हुई विशेष बैठक में लिया गया. बैठक का नेतृत्व सीआरपीएफ के डीआइजी डॉ कमल किशोर सिंह कर रहे थे. इसमें एसएसबी, कोबरा, एसटीएफ के साथ […]
मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार में बढ़ती माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की दस कंपनियां अभियान चलायेंगी. अभियान बुधवार से शुरू होगा. इसका फैसला सोमवार को सीआरपीएफ कैंप में हुई विशेष बैठक में लिया गया. बैठक का नेतृत्व सीआरपीएफ के डीआइजी डॉ कमल किशोर सिंह कर रहे थे. इसमें एसएसबी, कोबरा, एसटीएफ के साथ सभी अभियान एसपी व खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल मौजूद थे.
बैठक में खुफिया एजेंसियों ने माओवादियों व उसके कमांडरों की गतिविधियों की जानकारी दी. एसटीएफ के एसपी कुमार एकले भी पटना से आये थे. इसमें सारण व तिरहुत प्रमंडल के सभी जिलों से जुड़े खुफिया विभाग व नक्सली अभियान से जुड़े आइपीएस अधिकारी मौजूद थे. कोबरा बटालियन के कंपनी संख्या 207 व 205 के जवान पहुंच चुके हैं. अन्य अर्ध सैनिक बलों को मिला कर छह कंपनियां देर रात मुजफ्फरपुर पहुंच गयी. एक साथ कई जिलों में नक्सलियों के विरुद्ध यह अभियान चलेगा.
माओवादियों के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देनेवालों पर भी इनकी नजर होगी. स्थानीय पुलिस के सहयोग से अर्धसैनिक बल अभियान चलायेंगे. काफी दिनों से विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने सरकार व प्रशासन को बढ़ते नक्सली गतिविधि को लेकर आगाह कर दिया था. इधर, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने भी नक्सलियों से अपना संपर्क साध भारत विरोधी अभियान शुरू कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार, अभियान का नेतृत्व सीआरपीएफ के डीआइजी डॉ कमल किशोर सिंह करेंगे. वे इस समय गया के चार्ज में भी हैं. बैठक के बाद वे गया के लिए रवाना हो गये. मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे व बुधवार से नक्सलियों के विरुद्ध स्पेशल टीम के साथ अभियान शुरू कर दिया जायेगा. टीम में वैसे प्रशिक्षित जवानों को लगाया जा रहा है, जो पहले से ही नक्सल उन्मूलन को लेकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. इन प्रशिक्षित बलों के सहारे अभियान को सफल बनाने की योजना है. यह तब तक जारी रहेगा जब तक यहां से नक्सल गतिविधियां जड़ से समाप्त नहीं हो जाये.
जानकारी हो कि उत्तर बिहार में कोई भी विकास कार्य शुरू करने से पहले नक्सलियों को लेवी देना पड़ रहा है. बगैर लेवी दिये जो भी कंपनियां काम करती है, उस पर नक्सली हमला कर देते हैं. जिसके कारण विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है. खासकर बड़े पुलों व सड़क के निर्माण में लगी कंपनियां इनके निशाने पर होते हैं. वैसे तो काफी दिनों से ईंट भट्ठा, पेट्रोल पंप व्यवसायी, छोटे बड़े ठेकेदार व व्यवसायियों से भी नक्सली लेवी की वसूली कर रहे हैं.
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