इसमें गाड़ी चालान व ट्रांसफर के कागजात भी है. नोटरी पब्लिक की मुहर से नकली शपथ पत्र व डॉक्टर की मुहर से ब्लड ग्रुप का मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने की बात सामने आयी है. हालांकि, गुमटी संचालक मौके से फरार होने में सफल रहा. बताया जा रहा है कि परिवहन कार्यालय के पास बिचौलिया का बड़ा रैकेट चल रहा है, जो कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से लाइसेंस बनाने के लिए ठेका लेता है. ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर जम कर पैसा ऐंठा जाता है.
जिला परिवहन पदाधिकारी ने नकली मुहर पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए कहा है कि जिन लोगों का लाइसेंस के लिए आवेदन गुमटी में जमा था, उनसे पूछताछ होगी. इनसे जानकारी ली जायेगी कि किसने उनलोगों से लाइसेंस के लिए आवेदन लिया. इसके बाद संबंधित लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. पहले भी लाइसेंस व वाहन ट्रांसफर के लिए दिये गये आवेदन में 125 नकली स्टांप पेपर पकड़े गये थे, जिसकी जांच अभी चल ही रही है.